नीलू रंजन, जागरण। नई दिल्ली। लाल किले के पास हुए धमाके की जांच में ईडी भी सक्रिय हो गई है। ईडी जैश ए मोहम्मद के इस आतंकी माड्यूल की फंडिंग की जांच की तैयारी में जुट गई।
इसके लिए जांच में जुटी एजेंसियों जम्मू-कश्मीर पुलिस, उत्तर प्रदेश एटीएस, दिल्ली पुलिस और एनआइए से माड्यूल की फंडिंग से जुड़ी जानकारियां जुटाई जा रही है।
मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून की धाराओं में दर्ज होगा केस
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पूरी जानकारी मिल जाने के बाद मनी लांड्रिंग रोकथाम कानून की धाराओं के तहत केस दर्ज कर पूरे मामले की जांच की जाएगी। ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जिस तरह से जैश ए मोहम्मद का यह माड्यूल जम्मू-कश्मीर, उत्तरप्रदेश, हरियाणा और दिल्ली तक फैला था और बड़ी मात्रा में विस्फोटक और हथियार खरीद चुका था, उससे साफ है कि इसके लिए फंडिंग का पुख्ता इंतजाम किया गया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
सीमा पार से फंडिंग के भी मिल रहे संकेत
इसके साथ ही डा. उमर नबी और मुजम्मिल के तुर्किये जाने और पाकिस्तानी हैडलर्स के साथ संपर्क की बात सामने आ रही है। माड्यूल के दो कार सामने आ चुके हैं। इससे इस माड्यूल के सीमा पार से हवाला या अन्य मार्फत से फंडिंग से इनकार नहीं किया जा सकता है। टेरर फंडिंग और मनी लांड्रिंग की नोडल एजेंसी होने के नाते फंडिंग करने वालों का पता लगाकर सजा दिलाना ईडी की जिम्मेदारी है।
गौरतलब है कि इसके पहले भी ईडी जम्मू-कश्मीर में आतंकी फंडिंग से जुड़े मामले की जांच करती रही है। हवाला, नार्को टेरर और अन्य तरीके हिजबुल मुजाहिदीन, जैश ए मोहम्मद, लश्करे तैयबा जैसे आतंकी संगठनों की फंडिंग का पर्दाफाश कर चुकी है। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को काफी हद तक खत्म में टेरर फंडिंग पर लगाम लगाने की अहम भूमिका रही है।
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