पहली बार किसी डीएम और एसएसपी ने दिखाई मजबूत इच्छाशक्ति, बरेली में उपद्रवियों को सिखाया सबक
अशोक आर्य, बरेली। खुराफातियों के लिए अफसरों का इकबाल क्या होता है, यह जिले के अधिकारियों ने मौलाना समेत अन्य उपद्रवियों को दिखा दिया। दस मुकदमे दर्ज होने के बाद भी कार्रवाई से बचते रहे मौलाना तौकीर को पहली बार किसी डीएम और एसएसपी ने मजबूत इच्छाशक्ति के दम पर कानूनी सबक सिखाया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
अफसरों ने मौलाना को समझाने का प्रयास भी किया। बावजूद इसके उसने साजिश रची, लेकिन डीएम अविनाश सिंह और एसएसपी अनुराग आर्य ने उसके इरादों को ध्वस्त कर दिया। तत्काल उपद्रव पर काबू किया और मौलाना समेत अन्य उपद्रवियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा दिया। उपद्रवियों और उनसे जुड़े लोगों की संपत्तियां सील करना भी शुरू कर दिया है।
इत्तेहाद ए मिल्लत कौंसिल के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा के विरुद्ध वर्ष 1982 में सर्वप्रथम कोतवाली में मुकदमा लिखा गया। उसके बाद मौलाना के विरुद्ध 10 मुकदमे दर्ज हुए। वर्ष 2010 में शहर में हुए दंगे का मुख्य आरोपित मानते हुए मौलाना को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा, लेकिन दो दिन में ही उसे रिहा कर दिया गया।agra-city-common-man-issues,Agra University admissions,UG course registration,Samarth portal,Extended deadline, Dr, Bhimrao Ambedkar University,Undergraduate programs,College seat availability,Online registration,Academic admissions,Agra University,Uttar Pradesh news
इसके बाद भी दो बार मौलाना ने शहर में भीड़ एकत्र की। इतना कुछ होने के बावजूद मौलाना पर सख्त कार्रवाई नहीं हुई। पिछले दो बार का इनपुट शासन के पास था, इसलिए शासन ने इस बार सख्ती करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हुए थे।
अफसरों ने उसी अनुरूप अपनी तैयारी की। मौलाना के ज्ञापन देने के ऐलान के बाद अफसरों ने उसे बहुत समझाया लेकिन वह नहीं माना। मजबूत इच्छाशक्ति के बल पर ही अफसरों ने तीन स्थानों पर उपद्रव के प्रयास को लाठियां फटकार कर शांत कर दिया।
इतना ही नहीं रात को ही षड्यंत्रकर्ता मौलाना और उसके साथियों को गिरफ्तार कर लिया। अब अधिकारी उपद्रवियों को आर्थिक रूप से भी कमजोर करने में जुट गए हैं।
 |