यूपीआईटीएस सोलर यूएवी एक स्टार आकर्षण, निगरानी में क्रांति और बहुत कुछ
डिजिटल डेस्क, लखनऊ/ग्रेटर नोएडा। उत्तर प्रदेश इंटरनेशनल ट्रेड शो (UPITS) में इस बार सौर ऊर्जा से संचालित हाई-एंड्यूरेंस UAV (Unmanned Aerial Vehicle) लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। पूरी तरह इलेक्ट्रिक और अत्याधुनिक तकनीक से लैस यह ड्रोन कई मायनों में खास है। इसकी ऊंचाई क्षमता 5 किलोमीटर तक है और यह एक बार उड़ान भरने पर लगातार 12 घंटे तक आसमान में रह सकता है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
निर्माताओं ने बताया कि यह UAV लगभग 200 मीटर लंबे रनवे से आसानी से उड़ान भर सकता है। इसका संचालन बेहद सरल है और केवल दो लोगों की टीम, जिसमें एक पायलट शामिल होता है, इसे नियंत्रित कर सकती है। विशेष बात यह है कि इसका सेटअप सिर्फ 30 मिनट में तैयार हो जाता है।
योगी सरकार का विजन, नवाचार और सुरक्षा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार राज्य को रक्षा उत्पादन और स्टार्टअप हब बनाने के प्रयास कर रहे हैं। उनके नेतृत्व में प्रदेश में डिफेंस कॉरिडोर और तकनीकी नवाचार को बढ़ावा मिला है। यह UAV इन्हीं प्रयासों का प्रतीक है, जिसमें लगभग 75% स्वदेशी सामग्री का उपयोग किया गया है। यूपीआईटीएस में यह प्रदर्शनी योगी सरकार की आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया की प्रतिबद्धता को भी मजबूत करती है।
विशेष तकनीक “Auxiron“ से किया गया विकसित
कंपनी ने इस UAV में एक अनोखी तकनीक “Auxiron” विकसित की है, जो पंखों को झुकाकर सूर्य की किरणों को कैच करती है। इससे सोलर पैनल से अधिकतम ऊर्जा उत्पन्न होती है और UAV की उड़ान अवधि कई गुना बढ़ जाती है। Auxiron न केवल एयरोडायनमिक ड्रैग को कम करता है, बल्कि विमान को बिना स्लिपिंग के सीधी उड़ान भरने में भी मदद करता है।
इस पेटेंटेड तकनीक के चलते UAV दिन में आठ घंटे अतिरिक्त और रात में चार घंटे बैटरी बैकअप के साथ उड़ सकता है।
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रक्षा और नागरिक उपयोग
यह UAV खासकर इंटेलिजेंस, सर्विलांस और रिकॉन्नसेंस (ISR) मिशनों के लिए आदर्श है। कंपनी के मुताबिक इसके कई डिफेंस और सिविलियन उपयोग हैं:
▪सीमा क्षेत्रों में निगरानी और दुश्मन की गतिविधियों पर नजर
▪पाइपलाइन और पावरलाइन निरीक्षण
▪खोज एवं बचाव अभियान (Search & Rescue)
▪आपदा प्रबंधन और राहत कार्य
▪सटीक कृषि और पर्यावरण मॉनिटरिंग
भविष्य की योजनाएं
कंपनी का कहना है कि जून-जुलाई 2025 से हाई-एल्टीट्यूड लॉन्ग एंड्यूरेंस (HALE) UAV प्रोग्राम पर भी काम शुरू होगा। इसे “प्स्यूडो सैटेलाइट“ कहा जा रहा है, जो लंबे समय तक ऊंचाई पर रहकर बार्डर मॉनिटरिंग, शुरुआती चेतावनी और संचार नेटवर्क जैसे कार्यों में क्रांति ला सकता है। यूपीआईटीएस-2025 में इस UAV के स्टॉल पर बड़ी संख्या में लोग और डिफेंस सेक्टर से जुड़े प्रतिनिधि पहुंचे और इसकी तकनीकी खूबियों को करीब से समझा। वो कहते हैं कि यह कहना गलत नहीं होगा कि योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश अब डिफेंस और ड्रोन तकनीक के क्षेत्र में नई उड़ान भर रहा है।
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