देवभूमि उत्तराखंड में कड़े कानूनों पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पीठ थपथपा गए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

Chikheang 2025-11-10 23:38:05 views 1131
  

उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस की रजत जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से चर्चा करते मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी। जागरण



राज्य ब्यूरो, जागरण देहरादून: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देवभूमि उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करने के साथ ही जबरन मतांतरण पर अंकुश लगाने के लिए सख्त कानून, दंगाइयों से क्षति की वसूली के दृष्टिगत दंगा नियंत्रण कानून जैसे धामी सरकार के निर्णयों को साहसिक कदम करार दिया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

साथ ही प्रदेश में सरकारी भूमि कब्जाने की कोशिशों पर प्रभावी अंकुश लगाने और जनसांख्यिकी बदलाव जैसे संवेदनशील मुद्दे पर प्रभावी कार्यवाही करने के सरकार के प्रयासों को सराहा। जाहिर है कि प्रधानमंत्री मोदी से मिली इस शाबासी से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के राजनीतिक कद में इजाफा हुआ है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में जनता से राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने का वादा किया था। राज्य में भाजपा के लगातार दूसरी बार सत्तासीन होने के बाद मुख्यमंत्री धामी ने इसे लेकर कोई देरी भी नहीं लगाई और कैबिनेट की पहली बैठक में समान नागरिक संहिता कानून का प्रारूप तैयार करने के लिए विशेषज्ञ समिति गठित की।

विशेषज्ञ समिति ने आमजन से सुझाव, चर्चा करने के साथ ही विभिन्न देशों के कानून का अध्ययन करने के बाद अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी। सरकार ने भी इससे संबंधित विधेयक विधानसभा में पारित कराया।

राष्ट्रपति भवन से मंजूरी मिलने के बाद धामी सरकार ने इसी साल जनवरी में राज्य में समान नागरिक संहिता लागू की। इसके साथ ही स्वतंत्रता के बाद उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया है, जिसने समान नागरिक संहिता लागू की है।

धामी सरकार ने राज्य में जबरन मतांतरण पर अंकुश लगाने के लिए उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता अधिनियम में संशोधन कर इस कानून को बेहद कड़ा किया है। इसमें 10 लाख रुपये तक का जुर्माना व उम्र कैद जैसे प्रविधान किए गए हैं। इसके अलावा हल्द्वानी के बनभूलपुरा में हुए बवाल के बाद धामी सरकार ने दंगा नियंत्रण कानून को भी सख्त बनाया है। इसमें प्रविधान है कि दंगाइयों से क्षति की पाई-पाई की वसूली भी की जाएगी।

राज्य के कुछ क्षेत्रों में जनसांख्यिकीय बदलाव भी दिख रहा है। धर्मनगरी हरिद्वार से लेकर चारधाम यात्रा मार्गों से लगे क्षेत्रों में एक समुदाय विशेष की बढ़ती आबादी को समाजशास्त्रियों का एक बड़ा वर्ग स्वाभाविक नहीं मान रहा।

इससे उत्तराखंडी समाज में भी तमाम तरह की शंका-आशंका घर कर रही है। इसने सरकार की चिंता भी बढ़ा दी। इसे देखते हुए धामी सरकार ने जिला स्तर पर जिला स्तरीय कमेटियां गठित की हैं तो क्षेत्र विशेष में भूमि की खरीद-फरोख्त पर खास निगरानी के निर्देश भी दिए गए हैं।

यही नहीं, छद्म वेषधारियों की गतिविधियों पर अंकुश को आपरेशन कालनेमि चल रहा है। इसके अलावा धार्मिक संरचनाओं के नाम पर सरकारी भूमि कब्जाने के प्रयासों पर भी सरकार कड़ा प्रहार कर रही है। अब तक 6000 हेक्टेयर भूमि को कब्जामुक्त कराया जा चुका है।

उत्तराखंड स्थापना के रजत जयंती समारेाह में भाग लेने आए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी धामी सरकार के इन साहसिक निर्णयों व कदमों के लिए मुख्यमंत्री धामी की पीठ थपथपाई। इससे यह भी साफ हो गया है कि धामी सरकार अपने इन निर्णयों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराने के साथ ही राज्य के विकास के लिए आने वाले दिनों में कठोर से कठोर निर्णय लेने में पीछे नहीं रहेगी।
पीएम ने सीएम को भाई पुष्कर कह कर किया संबोधित

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने संबोधन के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को भाई कहकर संबोधित किया। इसके अलावा उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण को बहन कहकर संबोधित किया।
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