Durga Puja 2025: महा सप्तमी पर क्या करें और क्या न करें?
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, सोमवार 29 सितंबर को शारदीय नवरात्र की महा सप्तमी तिथि है। इस शुभ अवसर पर ममतामयी देवी मां काली की भक्ति भाव से पूजा की जाएगी। साथ ही मां काली के निमित्त व्रत रखा जाएगा। महा सप्तमी तिथि पर निशा पूजा भी की जाती है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
ज्योतिषियों की मानें तो शारदीय नवरात्र की महा सप्तमी पर सौभाग्य योग समेत कई मंगलकारी संयोग बन रहे हैं। इन योग में देवी मां काली की पूजा करने से साधक को मनचाहा वरदान मिलेगा। आइए, शुभ मुहूर्त और योग के बारे में जानते हैं-
महा सप्तमी शुभ मुहूर्त (Maha Saptami Shubh Muhurat)
वैदिक पंचांग के अनुसार, 29 सितंबर को शाम 04 बजकर 31 मिनट तक महा सप्तमी है। इसके बाद आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत होगी। अष्टमी तिथि का समापन 30 सितंबर को शाम 06 बजकर 06 मिनट पर होगा। इस प्रकार 29 सितंबर को महा सप्तमी और 30 सितंबर को महा सप्तमी मनाई जाएगी।
महा सप्तमी शुभ योग (Maha Saptami Shubh Yog)
ज्योतिषियों की मानें तो आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की महा सप्तमी तिथि पर सौभाग्य योग का संयोग बन रहा है। सौभाग्य योग का संयोग देर रात 01 बजकर 03 मिनट तक है। इसके बाद शोभन योग का निर्माण हो रहा है। इसके साथ ही भद्रावास योग का भी संयोग बन रहा है। भद्रावास योग संध्याकाल 04 बजकर 31 मिनट से है। इन योग में देवी मां काली की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होगी।
पंचांग
- सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 13 मिनट पर
- सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 09 मिनट पर
- चंद्रोदय- दोपहर 12 बजकर 51 मिनट से...
- चन्द्रास्त- रात 10 बजकर 55 मिनट तक
- ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 37 मिनट से 05 बजकर 25 मिनट तक
- विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 11 मिनट से 02 बजकर 58 मिनट तक
- गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 09 मिनट से 06 बजकर 33 मिनट तक
- निशिता मुहूर्त - रात 11 बजकर 47 मिनट से 12 बजकर 36 मिनट तक
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