Utpanna Ekadashi के दिन तुलसी से जुड़ी इन बातों का रखें ध्यान, घर में होगा मां लक्ष्मी का वास

deltin33 2025-11-10 15:49:09 views 1067
  

Utpanna Ekadashi 2025: उत्पन्ना एकादशी पर ध्यान रखें तुलसी से जुड़ी ये बातें  






धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर व्रत करने का विधान है। मार्गशीर्ष माह में उत्पन्ना एकादशी (Utpanna Ekadashi 2025 Vrat) मनाई जाती है। इस दिन विधिपूर्वक व्रत और पूजा करने से साधकों को सभी पापों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-शांति बनी रहती है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन तुलसी से जुड़े नियम का पालन न करने से मां लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं और जीवन में कई समस्या आ सकती है। ऐसे में आइए इस आर्टिकल में जानते हैं एकादशी के दिन तुलसी (Tulsi ke Niyam) के किन नियम का पालन करना चाहिए। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

  
तुलसी माता का व्रत हो सकता है खंडित


धार्मिक मान्यता के अनुसार, एकादशी तिथि पर तुलसी माता निर्जला व्रत करती हैं। इसलिए एकादशी के दिन तुलसी में जल देने की मनाही है। तुलसी में जल देने से तुलसी माता का व्रत खंडित हो सकता है। साथ ही तुलसी के पत्ते भी नहीं तोड़ने चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इस गलती को करने से मां लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं और व्रत का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता है।
होगी धन की कमी


मां लक्ष्मी का वास साफ-सफाई वाली जगह पर होता है। इसलिए एकादशी के दिन तुलसी के पौधे के पास साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। धार्मिक मान्यता के अनुसार, तुलसी के पास गंदगी होने से घर में मां लक्ष्मी का वास नहीं होता है और जीवन में धन की कमी का सामना करना पड़ता है।

  

तुलसी के पौधे को गंदे या फिर जूठे हाथों से नहीं छूना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि गंदे या फिर जूठे हाथों से पौधे को छूने से अशुभ फल की प्राप्त होती है और जीवन में नकारात्मकता का सामना करना पड़ सकता है।
उत्पन्ना एकादशी 2025 डेट और शुभ मुहूर्त (Utpanna Ekadashi 2025 Date and Shubh Muhurat)


वैदिक पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 15 नवंबर को देर रात 12 बजकर 49 मिनट पर होगा और समापन 16 नवंबर को देर रात 02 बजकर 37 मिनट पर होगा। ऐसे में 15 नवंबर को उत्पन्ना एकादशी मनाई जाएगी।
उत्पन्ना एकादशी 2025 व्रत पारण टाइम (Utpanna Ekadashi 2025 Vrat Paran Time)


उत्पन्ना एकादशी व्रत का पारण 16 नवंबर को किया जाएगा। इस दिन व्रत का पारण करने का समय दोपहर 12 बजकर 55 मिनट से लेकर दोपहर 03 बजकर 08 मिनट तक है।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण
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