तस्करों के विरुद्ध हुई कार्रवाई पर प्रतिक्रिया देते छात्र दीपक गुप्ता के स्वजन - जागरण
संवाद सूत्र, चरगांवा। पिपराइच के महुआचाफी गांव में 15 सितंबर की रात नीट की तैयारी कर रहे मेधावी छात्र दीपक गुप्ता की हत्या के बाद से छाए मातम और गुस्से के बीच शुक्रवार की रात जब यह खबर आई कि मुख्य आरोपी और कुख्यात गोतस्कर जुबैर पुलिस मुठभेड़ में मारा गया है, तो गांव में सन्नाटे के बीच जैसे न्याय की किरण चमक उठी। लोग कहने लगे कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जो वादा किया था, वह पूरा कर रहे हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
दीपक के पिता दुर्गेश गुप्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री जी से 22 सितंबर को मुलाकात के दौरान उन्होंने साफ कहा था कि बेटे की हत्या में शामिल कोई भी तस्कर बचेगा नहीं। मुलाकात के बाद पुलिस की कार्रवाई तेज हुई।मुख्य आरोपित रामपुर का रहने वाला जुबैर अपने अंजाम तक पहुंच चुका है, तो हमें विश्वास है कि बाकी अपराधी भी जल्द ही पकड़े जाएंगे।
मां सीमा देवी की आंखों में आंसू तो हैं, लेकिन अब उनमें उम्मीद भी दिख रही है। उन्होंने कहा कि बेटा चला गया, लेकिन मुख्यमंत्री जी ने हमें भरोसा दिलाया था कि हत्यारों का सफाया होगा और मजबूत हुआ है।दादा खरभन और दादी अमरावती ने कहा कि नाती की मौत ने जीवन से रंग छीन लिए हैं। लेकिन मुख्यमंत्री जी जिस तरह से खुद मामले पर नजर रख रहे हैं और कार्रवाई करा रहे हैं, उसके लिए धन्यवाद।
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गांव के लोगों का कहना है कि जुबैर के ढेर होने से यह संदेश गया है कि सरकार और पुलिस अब तस्करों पर सख्त है। लेकिन जब तक पूरे नेटवर्क का सफाया नहीं होगा, तब तक चैन नहीं मिलेगा। ग्रामीणों ने पिपराइच के मुन्नू निषाद और उसके जैसे अन्य फरार आरोपितों को भी जल्द पकड़ने या खत्म करने की मांग की।
शनिवार को महुआचाफी गांव में पहली बार राहत का माहौल दिखा। हालांकि दीपक की कमी हमेशा सालती रहेगी, लेकिन अब लोगों का कहना है कि न्याय की राह पर कदम बढ़ चुके हैं।
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