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गोरखपुर में साइबर ठगी गिरोह का भंडाफोड़, क्रिप्टो करेंसी में करते थे लेन-देन; पांच गिरफ्तार

cy520520 2025-11-7 18:07:08 views 822

  

दुबई, सिंगापुर और हांगकांग तक नेटवर्क, क्रिप्टो में बदलकर विदेश भेजते थे ठगी की रकम



जागरण संवाददाता, गोरखपुर। साइबर अपराध थाना और क्राइम ब्रांच टीम ने एक ऐसे संगठित साइबर गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो आनलाइन ठगी से जुटाई गई रकम को क्रिप्टो करेंसी में परिवर्तित करता था और फिर हवाला के जरिये विदेश भेज देता था। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

पुलिस ने बुधवार रात बिस्मिल पार्क से गिरोह के सरगना समेत पांच आरोपितों को गिरफ्तार किया। उनके पास से 23,100 रुपये और छह मोबाइल फोन बरामद किए गए, जिनमें विदेशी डिजिटल वालेट एड्रेस और ठगी से संबंधित चैट मिले हैं।

एसपी सिटी अभिनव त्यागी ने बताया कि सिंघड़िया के प्रज्ञापुरम कालोनी में रहने वाला शैलेश चौधरी गिरोह का संचालन करता है। उसके साथी आदिल शफीक, शुभम राय, विशाल गुप्ता और अनुज साहू ठगी के धन को इकट्ठा कर आगे बढ़ाने का काम करते थे। शैलेश पर पहले से मुंबई में आइटी एक्ट का मुकदमा दर्ज है और उसके तीन बैंक खाते फ्रीज हैं।

जांच में सामने आया कि गिरोह ने देश के अलग-अलग हिस्सों से हुई आनलाइन ठगी की रकम को म्यूल बैंक खातों और यूपीआइ आइडी के माध्यम से इकट्ठा किया। इन खातों में जमा धन को जल्द ही एटीएम और बैंक शाखाओं से नकद निकाला जाता था। फिर यह नकद रकम गिरोह के सदस्यों के माध्यम से क्रिप्टो करेंसी यूएसडीटी में बदली जाती थी। यह डिजिटल करेंसी टीआरसी-20 नेटवर्क पर ट्रांसफर होती थी, जिससे भेजने और प्राप्त करने वाले की पहचान करना बेहद कठिन हो जाता था।

क्रिप्टो में बदलने के बाद हवाला चैनलों के जरिये रकम दुबई, सिंगापुर और हांगकांग में बैठे नियंत्रकों तक भेज दी जाती थी। फोंरेंसिक जांच में साइबर सेल की टीम को विदेशी नंबर, क्रिप्टो वालेट एड्रेस और 235 पन्नों के दस्तावेज़ मिले हैं। अब तक की जांच में 70.54 लाख रुपये की ठगी के प्रमाण मिले हैं, जिनमें से 9.60 लाख रुपये पुलिस ने खातों में फ्रीज कर दिए हैं।

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पुलिस के अनुसार नेटवर्क ने कुल मिलाकर 3.10 करोड़ रुपये और तीन लाख अमेरिकी डालर के डिजिटल लेनदेन किए हैं। आरोपितों के विरुद्ध साइबर थाने में अपराध के आशय से गिरोह बनाकर, जालसाजी कर साइबर अपराध करने व आइटी एक्ट का मुकदमा दर्ज किया है। दोपहर बाद उन्हें न्यायालय में पेश किया गया, जहां से जेल भेज दिया गया। गिरोह के अन्य सदस्यों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।

इनकी हुई गिरफ्तारी :

  • शैलेश चौधरी, सिंघड़िया, प्रज्ञापुरम कालोनी फेज-4, कैंट, गोरखपुर
  • आदिल शफीक, जमुनियाबाग, गोरखनाथ, गोरखपुर
  • शुभम राय, दिव्य नगर विस्तार, कैंट, गोरखपुर (मूल निवासी कुशीनगर)
  • विशाल गुप्ता, बक्शीपुर, कोतवाली, गोरखपुर
  • अनुज साहू, माया बाजार, कोतवाली, गोरखपुर


क्या है क्रिप्टो करेंसी ?
क्रिप्टो करेंसी एक डिजिटल मुद्रा है, जो ब्लाकचेन तकनीक पर चलती है। इसमें किसी बैंक या सरकार का नियंत्रण नहीं होता। हर ट्रांजेक्शन आनलाइन रिकार्ड होता है, लेकिन पहचान गोपनीय रहती है। इसे रखने के लिए डिजिटल वालेट होता है, जो एक कोड या पते की तरह काम करता है। अभी सबसे प्रसिद्ध क्रिप्टो करेंसी बिटकाइन है, जिसकी कीमत नवंबर 2025 में लगभग 57 लाख प्रति बिटकाइन के आसपास है।

इसी तरह यूएसडीटी जैसी करेंसी अमेरिकी डालर से जुड़ी होती है और एक यूएसडीटी की कीमत लगभग 84 से 86 रुपये के बराबर रहती है। क्रिप्टो करेंसी से अंतरराष्ट्रीय भुगतान, निवेश और व्यापार संभव है, पर इसका गलत इस्तेमाल मनी लांड्रिंग और ठगी के लिए भी होता है। भारत में इसे वैध मुद्रा नहीं माना गया है।
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