टेट की अनिवार्यता के विरुद्ध सर्वोच्च न्यायालय में रिव्यू पिटीशन दाखिल किया गया।
राज्य ब्यूरो,रांची। प्रारंभिक शिक्षकों के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टेट) उत्तीर्ण होने की अनिवार्यता के विरोध में अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ की ओर से सर्वोच्च न्यायालय में रिव्यू पिटीशन याचिका दाखिल कर दी गई है।
इसके माध्यम से संघ ने न्यायालय से राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) द्वारा निश्शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा के अधिकार अधिनियम, 2009 के आलोक में वर्ष 2010 में जारी एक अधिसूचना और अन्य कानूनों का हवाला देते हुए शीर्ष न्यायालय से आदेश को वापस लेने का अनुरोध किया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
संघ के अध्यक्ष अनूप केशरी तथा महासचिव राममूर्ति ठाकुर ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश से झारखंड के 30 हजार प्रारंभिक शिक्षक प्रभावित हैं।
आदेश के तहत उन्हें दो वर्ष के भीतर टेट उत्तीर्ण करना अनिवार्य होगा। यह परीक्षा उत्तीर्ण नहीं होने पर उनकी सेवा खत्म हो सकती है। यह परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद ही शिक्षकों को प्रोन्नति मिल पाएगी।muzaffarpur-good--news,Muzaffarpur News,BSNL 4G Muzaffarpur,4G Network Launch,Digital India Initiative, Rural Connectivity,Telecom News India,Muzaffarpur Development,Bihar news
इस आदेश से शिक्षक सहमे हुए हैं। संघ ने केंद्र सरकार तथा झारखंड सरकार से भी अनुरोध किया है कि वह भी उक्त आदेश के विरुद्ध रिव्यू पिटीशन दाखिल करे।
इधर, पांच अक्टूबर को दिल्ली में कई राज्यों के शिक्षक संघों की बैठक बुलाई है, जिसमें आगे की रणनीति तैयार की जाएगी।
अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ राष्ट्रीय स्तर पर अन्य राज्यों के साथ मिलकर अपनी मांग का केंद्र सरकार तक पहुंचाएगी।
इस बैठक में झारखंड, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र सहित कई राज्यों के शिक्षक प्रतिनिधि सम्मिलित होंगे।
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