जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। क्राॅसिंग रिपब्लिक थानाध्यक्ष के खिलाफ कोर्ट ने मांगने पर भी थाने की सीसीटीवी फुटेज पेश नहीं करने पर केस दर्ज करने का आदेश दिया है। आरोप है कि पुलिस ने 27 अक्टूबर को चार युवकों को मुठभेड़ में गिरफ्तार करना दिखाया गया, आरोपियों के वकील ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर मुठभेड़ फर्जी होने का दावा किया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
कोर्ट ने पुलिस को थाने की सीसीटीवी फुटेज मुहैया कराने के लिए कहा था, लेकिन पुलिस पेश नहीं कर पाई। क्राॅसिंग रिपब्लिक थाना पुलिस ने 27 अक्टूबर की सुबह ऑटो में बैठाकर लूट और टप्पेबाजी करने वाले गिरोह के चार बदमाश इरफान गाजी, सादाब, अमन गर्ग और नाजिम खान को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार करने का दावा किया था।
मुठभेड़ में इरफान गाजी और सादाब पैर में गोली लगने से घायल हो गए थे। पुलिस ने बदमाशों से लूट में प्रयोग किया गया ऑटो भी बरामद किया था। इस मामले में आरोपितों की ओर से कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर मुठभेड़ को फर्जी बताते हुए वकील ने कोर्ट में क्राॅसिंग रिपब्लिक थाने की सीसीटीवी फुटेज पेश करने की मांग की।
इसके बाद कोर्ट ने थाना प्रभारी को थाने की सीसीटीवी फुटेज पेश करने का आदेश दिया। पुलिस ने पहले तकनीकी कारण बताकर समय मांगा इसके बाद थाने में आने वाले लोगों की निजता और मुखबिरों की पहचान उजागर होने का हवाला दिया।
इस तर्क को कोर्ट ने अस्वीकृत करते हुए क्राॅसिंग रिपब्लिक थानाध्यक्ष के खिलाफ अवमानना का केस दर्ज करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने सीएमओ को मेडिकल बोर्ड का गठन कर चारों युवकों का मेडिकल कराकर रिपोर्ट दाखिल करने का भी आदेश दिया है।
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