राज्य ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए बड़ा कदम उठाया गया है। कारखाना (उत्तर प्रदेश संशोधन) विधेयक, 2024 को मंजूरी मिल गई है। अब महिलाएं भी रात्रि पाली (नाइट शिफ्ट) में काम कर सकेंगी, बशर्ते वे अपनी लिखित सहमति दें और कारखाने में सुरक्षा व स्वास्थ्य संबंधी सभी नियमों का पालन किया जाए। इसके साथ ही कर्मकारों को अब कारखानों में काम की अवधि 12 घंटे प्रतिदिन तक तय की जा सकेगी। हालांकि साप्ताहिक कार्य अवधि 48 घंटे से अधिक नहीं होगी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
नए नियम के अनुसार यदि कोई कर्मचारी अपनी लिखित सहमति देता है तो उसे लगातार छह घंटे तक बिना अंतराल के काम करने की अनुमति होगी। पहले प्रतिदिन काम करने की अधिकतम अवधि नौ घंटे थी, जिसे अब अधिकतम 12 घंटे किया जा सकता है।
सरकार ने ओवरटाइम की सीमा भी बढ़ाई है। पहले यह तिमाही आधार पर 75 घंटे थी, जिसे अब 144 घंटे कर दिया गया है। इसके साथ ही तय सीमा से अधिक काम करने वाले कर्मकारों को साधारण मजदूरी की दोगुनी दर से ओवरटाइम भुगतान दिया जाएगा।
राष्ट्रपति से स्वीकृति मिलने के बाद यह कानून अब उत्तर प्रदेश अधिनियम संख्या 14 वर्ष 2025 के रूप में लागू हो गया है। अधिसूचना के अनुसार यह अधिनियम तीन अक्टूबर 2025 से प्रभावी हो गया है।
विधायी के प्रमुख सचिव अतुल श्रीवास्तव ने कहा कि यह संशोधन राज्य के औद्योगिक विकास को नई रफ्तार देगा और एक ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को पाने में मदद करेगा। |