संघ साहित्य के साथ कल से घर-घर पहुंचेंगे आरएसएस के स्वयंसेवक, 26 नवंबर तक चलेगा गृह संपर्क अभियान

cy520520 2025-11-4 10:07:51 views 1194
  



जागरण संवाददाता, रांची। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(आरएसएस) की स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने पर पूरे एक वर्ष के लिए कई कार्यक्रम तय किए गए हैं। उसी के तहत पहले विजयादशमी उत्सव मनाया गया। अब गृह संपर्क अभियान प्रारंभ किया जा रहा है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

इस अभियान में संघ साहित्य के साथ घर-घर स्वयंसेवक जाएंगे, जिसमें लोगों को संघ की 100 वर्ष की यात्रा के बारे में बताएंगे और उन्हें संघ की 100 वर्ष की यात्रा से संबंधित चार पृष्ठ का नि:शुल्क पत्रक देंगे। उसमें संघ की स्थापना, व्यक्ति निर्माण की कार्य पद्धति, संघ कार्य का विस्तार, सेवा कार्य व पंच परिवर्तन के बारे में संक्षेप में जानकारियां है।

इस संपर्क अभियान के लिए झारखंड के सभी मंडलों और बस्तियों में टोली बना ली गई है। प्रत्येक टोली में दो से तीन स्वयंसेवक हैं। यह अभियान पांच नवंबर से प्रारंभ होकर 26 नवंबर तक चलेगा। समाज के विशिष्ट लोगों से मिलने के लिए भी टोलियां बनाई गई हैं। झारखंड में 51 लाख से अधिक घरों तक पहुंचने का लक्ष्य रखा गया है।

आरएसएस के प्रांत कार्यवाह संजय कुमार ने कहा कि यह अभियान देश के सभी प्रांतों में चलना है। तिथि सभी ने अपनी सुविधानुसार तय की है। झारखंड में यह गुरुवार से प्रारंभ है। निर्धारित तिथि तक टोली से जुड़े लोग अपने-अपने इलाके में घरों में जाएंगे और परिवार के लोगों से संघ के बारे में बात करेंगे। उन्हें पत्रक देंगे।

इसके साथ ही स्वयंसेवक संघ यात्रा

संगठन व सेवा के 100 वर्ष नामक पुस्तक, जिसका शुल्क 10 रुपये है के साथ-साथ और कई साहित्य अपने पास रखेंगे। कोई भी व्यक्ति शुल्क देकर उसे ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि अभियान के दौरान लोगों को संघ के पंच परिवर्तन के तहत सामाजिक समरसता, पर्यावरण संरक्षण, कुटुंब प्रबोधन, स्व आधारित जीवन एवं नागरिक कर्तव्य बोध के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।  

भगवान बिरसा मुंडा के बारे में दी जाएगी जानकारी

प्रांत कार्यवाह ने कहा कि आरएसएस के कार्यकारी मंडल की बैठक में भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर विस्तार से प्रकाश डाला गया। झारखंड में 15 नवंबर को संघ की सभी शाखाओं पर उनके जीवन पर प्रकाश डाला जाएगा। इसके साथ ही पूरे झारखंड प्रांत में कई कार्यक्रम किए जाएंगे।  

1783 स्थानों पर हुए विजयादशमी उत्सव  

संजय कुमार ने कहा कि संघ शताब्दी वर्ष पर पूरे देश में जहां 62,555 स्थानों पर विजयादशमी उत्सव हुए वहीं झारखंड में 1783 स्थानों पर 1879 विजयादशमी उत्सव संपन्न हुए। 390 स्थानों पर पथ संचलन हुआ। 31,678 स्वयंसेवक पूर्ण गणवेश में शामिल हुए।
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