राज्य ब्यूरो, लखनऊ। ठंड की दस्तक के साथ ही बेसिक शिक्षा विभाग ने कोशिश शुरू कर दी है कि प्रदेश का कोई भी बच्चा बिना स्वेटर या अधूरी यूनिफॉर्म में स्कूल न जाए। बच्चों के यूनिफॉर्म, स्वेटर, जूता-मोजा और स्टेशनरी के लिए उनके अभिभावकों के बैंक खातों में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) से धनराशि भेजने की प्रक्रिया तेज कर दी है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
अब तक एक करोड़ तीन लाख 25 हजार बच्चों के खातों में पैसा भेजा जा चुका है, जबकि अगले सात दिनों में शेष 23 लाख बच्चों के खातों में भी राशि पहुंच जाएगी। इनमें से 10 लाख बच्चों के खातों में अगले दो दिनों के भीतर पैसा ट्रांसफर किया जाएगा।
सोमवार को अपर मुख्य सचिव बेसिक व माध्यमिक शिक्षा पार्थ सारथी सेन शर्मा ने राज्य परियोजना कार्यालय, निशातगंज में इस संबंध में समीक्षा बैठक की। बैठक में परिषदीय और मान्यता प्राप्त अनुदानित विद्यालयों के बच्चों को जूता-मोजा, यूनिफार्म, स्कूल बैग और स्टेशनरी के लिए धनराशि भेजने की प्रगति की समीक्षा की गई।
उन्होंने सभी जिलों के बीएसए को निर्देश दिया कि जिन अभिभावकों के खातों में पैसा भेजा जा चुका है, उन्हें इसकी जानकारी दी जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि राशि का उपयोग बच्चों की यूनिफार्म और पढ़ाई की सामग्री पर ही हो। यह भी निर्णय लिया गया कि आधार कार्ड न होने पर भी बच्चों को डीबीटी का लाभ मिलेगा।
जिन बच्चों के आधार नहीं बने हैं, उनके लिए यूआईडीएआई के माध्यम से अलग से प्रयास किए जाएंगे। यह व्यवस्था केवल इस शैक्षणिक सत्र के लिए लागू रहेगी ताकि कोई भी बच्चा लाभ से वंचित न रह जाए।
अपर मुख्य सचिव ने स्पष्ट कहा कि विभाग रोजाना समीक्षा कर रहा है ताकि हर पात्र बच्चे तक समय पर सहायता पहुंच सके और ठंड में कोई बच्चा बिना स्वेटर या अधूरी यूनिफॉर्म के स्कूल न जाए। |