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वेल्डिंग, कटिंग के काम आने वाला देसी जुगाड़ कैसे पहुंचा मासूमों के हाथ? कार्बाइड पाइप गन से 200 बच्चों की आंखों की गई रौशनी

Chikheang 7 day(s) ago views 429

  

कैल्शियम कार्बाइड से 200+ बच्चों की आंखें क्षतिग्रस्त



डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जुगाड़ के कार्बाइड पाइप गन में इस्तेमाल होने और अनियंत्रित विस्फोट से मध्य प्रदेश में 200 से अधिक बच्चों और लोगों की आंखों को गंभीर क्षति पहुंचाने वाला कैल्शियम कार्बाइड औद्योगिक रसायन है। इसका उपयोग मुख्य रूप से वेल्डिंग, कटिंग, पेंट बनाने, इस्पात उद्योग में धातु से सल्फर जैसे कणों को अलग कर उसे शुद्ध करने में होता है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
कैल्शियम कार्बाइड से 200+ बच्चों की आंखें क्षतिग्रस्त

फलों को पकाने में इसका उपयोग होता था लेकिन बीते कुछ वर्षों से इस काम पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। कैल्शियम कार्बाइड का विस्फोटक के रूप में गैर परंपरागत उपयोग आश्चर्यजनक रूप से प्रशासन की अनदेखी का शिकार रहा। कुछ लालची लोगों ने इसे बम में बदल दिया और प्रशासन इसका खतरा नहीं भांप पाया। सामान्य तौर पर पटाखों और विस्फोटकों के निर्माण, परिवहन और भंडारण के लिए केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा व पेट्रोलियम एवं विस्फोटक सुरक्षा संगठन लाइसेंस जारी करता है।
वेल्डिंग में इस्तेमाल रसायन बना जानलेवा हथियार

इसके क्षेत्रीय अधिकारियों का कहना है कि कैल्शियम कार्बाइड विस्फोटक की श्रेणी में नहीं आता इसलिए उसकी निगरानी वे नहीं करते। यह काम राज्य सरकार खासकर गृह विभाग को करना था। राज्य सरकार ने दुर्घटनाओं के बाद इस पर सख्ती शुरू की है। अधिकार क्षेत्र स्पष्ट न होने से अनदेखी की गई। इस बीच, नई दुनिया की टीम ने भोपाल में कैल्शियम कार्बाइड की उपलब्धता की पड़ताल की। इसकी बिक्री हार्डवेयर की दुकानों से होती है।
प्रशासन की अनदेखी से हुआ हादसा

दुर्घटनाओं के बाद पुलिस ने सख्ती का असर यह दिखा कि हार्डवेयर कारोबारी इस पर बात करने से बचते रहे। एक कारोबारी ने बताया कि यह चूना पत्थर जैसा पदार्थ है, इसके लिए किसी विस्फोटक लाइसेंस की जरूरत नहीं होती। इसके बड़े खरीदार लोहे व इस्पात का काम करने वाले उद्योग हैं। उसके बाद पेंट का काम करने वालों में इसकी मांग होती है। इसके विस्फोटक के रूप में दुरुपयोग के बाद जागी पुलिस अब भोपाल, विदिशा सहित कई जिलों में विस्फोटक अधिनियम के तहत कार्रवाई कर रही है। कई विक्रेताओं पर विस्फोटक के साथ लापरवाही बरतकर दूसरों की सुरक्षा खतरे में डालने का केस लगाया गया है।
3200 डिग्री सेल्सियस तक गर्म होती लपटें

बाक्स इससे निकली गैस खतरनाक मोतीलाल विज्ञान महाविद्यालय में रसायनशास्त्र की प्राध्यापक डा. अलका प्रधान बताती हैं कि कैल्शियम कार्बाइड अकेले खतरनाक नहीं है। यह जब पानी के संपर्क में आता है तो एसीटिलीन नामक तीखी गंध वाली गैस बनती है। यह अत्यधिक ज्वलनशील और विस्फोटक है। जलने पर इसकी लपटें 3200 डिग्री सेल्सियस तक गर्म होती है। वेल्डिंग के लिए इस्तेमाल के दौरान इसे एसीटोन नामक रसायन में डूबोकर रखा जाता है ताकि विस्फोट न हो। वर्जन कुछ स्थानों पर कार्बाइड गन जब्त की गई हैं। आरोपितों पर आपराधिक धाराओं में मामला दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है।
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