दिल्ली राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने एम्स और उसके डॉक्टरों के खिलाफ चिकित्सा लापरवाही के आरोपों को खारिज कर दिया है।  
 
  
 
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) और उसके डॉक्टरों के खिलाफ चिकित्सा लापरवाही के आरोपों को खारिज कर दिया है। आयोग ने कहा कि शिकायतकर्ता अपने दावे को पुष्ट करने के लिए कोई ठोस सबूत या विशेषज्ञ की राय देने में विफल रहा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
यह मामला 14 अगस्त, 2018 को एम्स में कान की सर्जरी कराने वाले एक मरीज द्वारा दायर की गई शिकायत से जुड़ा है। मरीज ने आरोप लगाया कि ऑपरेशन एक प्रशिक्षु डॉक्टर ने वरिष्ठ सर्जन की देखरेख के बिना किया, जिसके परिणामस्वरूप छाती के निचले हिस्से के पास एक कट लग गया।  
 
शिकायतकर्ता ने दावा किया कि इससे उसे तेज़ दर्द, दिल का दौरा और नस बंद होने जैसी जटिलताएं हुईं। उसने अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाया और ₹2 करोड़ (लगभग 2 करोड़ डॉलर) का मुआवजा मांगा।  
 
एम्स द्वारा आयोग को प्रस्तुत रिकॉर्ड के अनुसार, मरीज को 2017 में एक सड़क दुर्घटना के बाद अपने दाहिने कान में विकृति के इलाज के लिए भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों ने विस्तृत परामर्श के बाद सर्जरी की योजना बनाई और ऑपरेशन सफलतापूर्वक पूरा हुआ। |