मुख्य आरोपी खालिद मलिक गिरफ्तार | प्रतीकात्मक तस्वीर
जागरण संवाददाता, देहरादून । उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) की हालिया स्नातक स्तरीय परीक्षा पेपर लीक मामले ने राज्य में सियासी हलचल बढ़ा दी है। सरकार ने मामले को गंभीर मानते हुए विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित की है। इसकी निगरानी हाई कोर्ट के रिटायर्ड न्यायाधीश करेंगे। साथ ही एसआईटी ने आम नागरिकों से अपील की है कि यदि किसी के पास संबंधित साक्ष्य हों तो उन्हें साझा करें। इसके लिए ईमेल spdehatddn@gmail.com और मोबाइल व वाट्सएप नंबर 9027083022 जारी किए गए हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
21 सितंबर रविवार को आयोजित परीक्षा के दौरान हरिद्वार के एक केंद्र से प्रश्नपत्र की तस्वीरें बाहर भेजे जाने की पुष्टि हुई। परीक्षा सुबह 11 बजे शुरू हुई और 11:35 बजे तक तीन पन्ने बाहर जाने का मामला सामने आया। सरकार ने स्पष्ट किया कि यह कोई बड़े स्तर का संगठित नेटवर्क नहीं, बल्कि सीमित दायरे की घटना है। इसके बावजूद इसे गंभीरता से लेकर कड़ी कार्रवाई की जा रही है।
प्रकरण सामने आते ही सरकार और पुलिस हरकत में आई। मुख्य आरोपी खालिद मलिक को 48 घंटे के भीतर गिरफ्तार किया गया, जबकि उसकी बहन साबिया पहले ही पुलिस की गिरफ्त में आ चुकी थी। खालिद की दूसरी बहन हीना और सहयोगी सुमन चौहान की भूमिका भी जांच में खंगाली जा रही है।Navratri Temples 2025, Navratri 2025, Chinnamasta Temple, Maa Chinnamasta Shaktipeeth, Goddess Chinnamasta story, temple where goddess beheaded herself, Navratri travel plan India, unique temples in India, spiritual destinations for Navratri, Chhinnamasta Temple location, history of Chinnamasta Devi, Ranchi sightseeing and Chinnamasta, how to reach Chinnamasta Temple, Lifestyle special,
मुख्य सचिव आनंद वर्द्धन ने प्रेस वार्ता में बताया कि एसआईटी की कमान एडिशनल एसपी स्तर के अधिकारी को सौंपी गई है। इस जांच दल को पूरे प्रदेश में कार्रवाई का अधिकार होगा। पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए इसकी निगरानी हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश करेंगे।
पेपर विवाद के बाद छात्र नाराजगी जताते दिखे। सरकार का कहना है कि युवाओं की भावनाओं का सम्मान किया जाएगा, लेकिन कुछ दल और संगठन इसे राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं। सरकार का फोकस केवल परीक्षा की विश्वसनीयता और अभ्यर्थियों के हितों पर है।
राज्य सरकार ने साफ किया है कि एसआईटी की रिपोर्ट आने तक आयोग परीक्षा से जुड़ा कोई अगला कदम नहीं उठाएगा। हरिद्वार केंद्र की अलग से जांच होगी और लापरवाही पाए जाने पर संबंधित कर्मचारियों को कठोर दंड दिया जाएगा। भविष्य की परीक्षाओं के लिए भी सुरक्षा व्यवस्था और सख्त की जाएगी।
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