इस खबर में प्रतीकात्मक तस्वीर लगाई गई है।   
 
  
 
अमरेंद्र तिवारी, मुजफ्फरपुर। चुनाव प्रचार में इस बार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) तकनीक का सहारा लिया जा रहा। इसके माध्यम से मतदाताओं के पास प्रत्याशियों की आवाज में फोन काल आएंगे।  
 
उस पर वोट देने की अपील होगी। एआइ की खासियत यह है कि यह सीधे प्रत्याशी की आवाज में मतदाताओं से बातचीत करेगा। प्रत्याशी का मतदाता के नाम से फोन आएगा।  
 
काल रिसीव करते ही सामने से परिचित आवाज में नमस्कार और प्रणाम सुनाई देगा। उसके बाद परिवार के हाल-चाल पूछे जाएंगे और अंत में सहयोग की अपील की जाएगी। इसके साथ ही एआइ की मदद से तैयार वीडियो भी मतदाताओं को लुभाएंगे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
अलग-अलग भाषा में दे सकेंगे संदेश  
 
वायस क्लोन और वीडियो जेनरेशन के तहत नेताजी की आवाज या चेहरा एआइ से जेनरेट कर हजारों जगह वोटर के नाम से संदेश पहुंचा सकेंगे। इससे सुनने और देखने वाले को लगता है कि नेताजी खुद उससे बात कर रहे हैं।  
 
हिंदी के अलावा अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में भी नेताजी के संदेश ट्रांसलेट हो जाएंगे। एआइ से डाटा का विश्लेषण कर अलग-अलग समुदाय, उम्र, क्षेत्र और रुचियों के हिसाब से वीडियो व आडियो संदेश तैयार किए जा रहे हैं।  
 
एक ही नेता अलग-अलग समूहों को उनके हित और भाषा के अनुसार अलग संदेश दे सकते हैं। इंटरनेट मीडिया कंटेंट क्रिएशन में भी एआइ ने बड़ा बदलाव किया है।  
 
इन सब के लिए आर्टिस्ट हायर करने की भी आवश्यकता खत्म हो गई है। एआइ वर्चुअल आर्टिस्ट भी मुहैया करा रहा, जो किसी भी कंटेंट को अच्छी तरह एडिट कर देता है।  
 
इसकी मदद से पोस्ट, वीडियो, मीम, स्लोगन आदि तुरंत बनाए जा रहे हैं। एआइ चैटबाक्स खुद जनता के सवालों के जवाब देते हुए उम्मीदवारों की योजनाओं के बारे में भी बता रहा है।  
यह है पैकेज  
 
प्रत्याशी की आवाज में एआइ से शार्ट वीडियो व आडियो बनाने से लेकर उसे विभिन्न इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित करने का पूरा पैकेज बाजार में उपलब्ध है।  
 
प्रत्याशी की जरूरत के अनुसार कस्टमाइज पैकेज भी उपलब्ध है। पैकेज डेढ़ लाख से लेकर सात लाख रुपये तक का है। इसमें वीडियो बनाने से लेकर 50 हजार मतदाताओं तक पहुंचाने की जिम्मेदारी है।  
 
पिछले तीन दशक से चुनाव प्रचार में प्रमोटर की भूमिका निभाने वाले विवेक चंद्र कहते हैं कि एआइ से चुनाव प्रचार के तरीके काफी बदल गए हैं। इस बार चुनाव प्रचार में नयापन आया है।  
 
तकनीक ने चुनाव प्रचार को स्मार्ट, टार्गेटेड और इंटरैक्टिव बना दिया है। वह कहते हैं कि मुजफ्फरपुर के अलावा पटना और भागलपुर के कई प्रत्याशियों ने इसके लिए संपर्क किया है।  
 
टिकट फाइनल होने के साथ काम बढ़ेगा। शुरुआती डेढ़ लाख के पैकेज में एक तरह के प्रचार का वीडियो होगा। भगवानपुर में चुनाव प्रचार संबंधी काम करनेवाले चंदन श्रीवास्तव का कहना है कि प्रत्याशी का वीडियो शूट करने से लेकर हर तरह की व्यवस्था है। |