cy520520 • 2025-10-12 20:07:11 • views 970
मौसम विभाग की रिपोर्ट में मानसूनी सक्रियता पूर्वांचल में बनी हुई है।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। पूर्वांचल में मौसम का रुख लगातार बदलाव की ओर बना हुआ है। वातावरण में नमी का स्तर घटने से बारिश की संभावनाएं पूर्वांचल में मानसूनी सक्रियता होने के बाद भी कम ही है। हालांकि मौसम विभाग ने रविवार को मानसून लौटने का चार्ट जारी कर बताया है कि 12 अक्टूबर को भी मानसून पूर्वांचल में बना हुआ है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
लगभग एक पखवारे तक पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 26 सितंबर से 9 अक्टूबर तक मानसून बना हुआ था। इसकी वजह से नवरात्र में वाराणसी और आसपास भी खूब बारिश हुई। इसके बाद दस अक्टूबर को मानसून की वापसी दोबार शुरू हुई तो 12 अक्टूबर रविवार तक मौसम विभाग के अनुसार मानसून की वापसी की रेखा पूर्वांचल के आसपास ही बनी हुई है।
हालांकि लोकल परिस्थितियां नहीं होने की वजह से बारिश की सूरत नहीं बन रही है। जबकि बादलों की मामूली आवाजाही का रुख लगातार बना हुआ है। इसकी वजह से दिन में धूप भी अधिक तल्ख नहीं हो पा रही है। धूप के न खिलने से दिन का तापमान भी अधिक नहीं चढ़ पा रहा है। लगातार कई दिनों से तापमान सामान्य से कम बना हुआ है।
हालांकि सुबह अंचलों में सुबह कोहरे की स्थिति भी नजर आने लगी है। मौसम का रुख लगातार ठंड की ओर होने से घरों में पंखे भी अब बंद होने लगे हैं। दूसरी ओर मानसून के सक्रिय होने के बाद भी लोगों के मन में जिज्ञासा है कि क्या बादल त्योहार में बरस भी सकते हैं। हालांकि मौसम विभाग ने परिस्थितियां बारिश के विपरीत बताई हैं। लिहाजा त्योहार में बारिश की संभावना न के बराबर है। लिहाजा वातावरण में आगे भी नमी का स्तर लगातार घटते रहने की उम्मीद बनी हुई है।
मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार प्रतिवर्ष मानसून औसतन पांच अक्टूबर तक पूर्वांचल से विदायी ले लेता है। इस बार मानसून औसत से सप्ताह भर अधिक तक टिक गया है। हालांकि मौसम विभाग इसके जल्द ही विदा हो जाने का अनुमान जाहिर कर रहा है। बताया कि मानसूनी सक्रियता नहीं होनी है और बारिश की संभावना भी नहीं है। ऐसे में अब ठंड का दौर ही लगातार पूर्वांचल में काबिज होने की उम्मीद है।
बीते चौबीस घंटों में अधिकतम तापमान 31.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से 2.3 डिग्री कम रहा। न्यूनतम तापमान सीजन में पहली बार बीस डिग्री से कम होने के बाद 19.8 डिग्री सेल्सियस पर जा पहुंचा जो सामान्य से 3.1 डिग्री कम रहा। जबकि आर्द्रता न्यूनतम 67% और अधिकतम 69% फीसद दर्ज किया गया। आर्द्रता में कमी का संकेत ठंड की सक्रियता और बारिश न होने की ओर ही इशारा कर रहा है। |
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