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अयोध्या में विस्फोट में हुई छठवीं मौत, गृह स्वामी की पत्नी का मलबे में मिला शव

LHC0088 1 hour(s) ago views 347

  

विस्फोट प्रकरण में छठवां शव बरामद हो गया। जागरण  



संवाद सूत्र, जागरण अयोध्या। पूराकलंदर के पगलाभारी गांव में हुए विस्फोट प्रकरण में छठवां शव बरामद हो गया। मलबे के नीचे मिला शव मृत गृह स्वामी की पत्नी का बताया जा रहा है। रात में 11 बजे पुलिस की ओर से दी गई। घटना में सिलेंडर में विस्फोट की जानकारी के बाद एक और विस्फोट हुआ है, जिसमें हल्का लेखपाल के घायल होने की भी जानकारी स्थानीय लोग दे रहे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

वहीं पुलिस पूरे प्रकरण को सिर्फ गैस सिलेंडर के विस्फोट पर ही टाल दे रही है। पुलिस और प्रशासन की ओर से दिए जा रहे इस बयान को लेकर ग्रामीणों में नाराजगी भी व्याप्त है और सवाल कर रहे हैं कि क्या हर बार गैस सिलेंडर रामकुमार के मकान में ही फट रहा है। गुरुवार की रात करीब साढ़े सात बजे पागलभारी गांव के बाहर रामकुमार गुप्ता के मकान में भीषण विस्फोट हुआ था।

जिसमें रामकुमार, उनकी पुत्री 10 वर्षी इशी व दो पुत्र छह वर्षीय यश आठ साल के लव के अलावा एक मजदूर रामसजीवन की मौत हो गई थी, लेकिन घटना के बाद से गृह स्वामी की पत्नी का अता-पता नहीं चल रहा था। जिसको लेकर करीब 24 घंटे से जेसीबी से खुदाई चल रही थी। शुक्रवार दोपहर करीब 12 बजे खोदाई के दौरान मलबे के नीचे रामकुमार की पत्नी का भी शव बरामद हुआ है।

इतना ही नहीं ग्रामीणों ने बताया कि रात करीब 11 बजे एक और विस्फोट हुआ था जिसमें रेस्क्यू में जुटे लेखपाल आकाश सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उन्हें सरकारी वाहन से नाका स्थित एक निजी अस्पताल में ले जाकर भर्ती कराया गया। इसके बाद रात को ही लखनऊ के लिए रेफर किया गया है। इसके बावजूद पुलिस से लेकर तहसील प्रशासन घटना में सिर्फ लेखपाल को फिसल जाने के कारण चोट आना बता रहा है।

यह भी पढ़ें- अयोध्या में भीषण विस्फोट से मकान धराशायी, मलबे में दबने से पांच की मौत


घटना और पुलिस के बयान से लोगों में काफी आक्रोश-

घटना के बाद से पुलिस की तरफ से दिए जा रहे बयान तथा इस तरह की घटना को लेकर ग्रामीणों में काफी आक्रोश है। लोग खुलकर सामने बोल रहे हैं कि पिछली बार हुई घटना में तीन की मृत्यु के बाद भी प्रशासन लीपापोती में लगा रहा जिसका नतीजा है कि दूसरी बार हुए विस्फोट में छह की जान चली गई।

वर्ष 2024 के विस्फोट के बाद ही दोबारा घटना की ग्रामीणों मे थी आशंका

ग्रामीणों का आरोप है कि रामकुमार पहली घटना के बाद गांव में आया तो उसे इसी आशंका के बीच मकान बनाने से रोक दिया गया था कि वह दोबारा रुका तो पूरा गांव खतरे में होगा। ग्रामीणों को जिसकी आशंका थी आखिरकार वही हो गया कि एक विस्फोट में छह की जान चली गई और लेखपाल अस्पताल में है।
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