जागरण संवाददाता, देहरादून। एक वर्ष 10 माह की उम्र में जब बच्चे मम्मी-पापा तक ठीक ढंग से बोल नहीं पाते, उस उम्र में मारखम ग्रांट के खैरी गांव की एक बच्ची ने इंडिया बुक आफ रिकार्ड्स में बोलने की कला में अपना नाम दर्ज करवाया है। जसमायरा कौर ने अंग्रेजी वर्णमाला के शब्द बोलकर यह उपलब्धि हासिल की है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
किसान की नन्ही बेटी ने आइबीआर अचीवर बन सफलता प्राप्त की है। जसमायरा ने इंडिया बुक आफ रिकार्ड में अपना नाम दर्ज कराकर प्रदेश व गांव का नाम रोशन किया है। किसान परिवार की इकलौती पुत्री की इस प्रतिभा से माता जसप्रीत कौर और पिता मनिंदर सिंह को उस पर गर्व है। बेहद कम उम्र में बहुमुखी प्रतिभा की धनी यह बच्ची गांव में चर्चा का विषय बनी है।
पिता मनिंदर सिंह ने बताया कि उनकी बेटी ने रंगीन स्टेवस और ब्लाक से टावर बनाया। इसके अलावा उसने कुछ क्रियाओं का प्रदर्शन किया। रंगो तथा शारीरिक अंगों की पहचान तथा अंग्रेजी वर्णमाला के शब्दों को याद कर अपनी मेमोरी पावर का प्रमाण दिया। निर्धारित समय अवधि के अंदर यह सब कर उसने इस मुकाम को पाया है।
15 अक्टूबर 2023 को जन्मी इस बालिका में सीखने की क्षमता लगन और बहुमुखी प्रतिभा से यह साबित हो गया है कि कम उम्र में भी बच्चे चमत्कार कर सकते है। जसमायरा की मां जसप्रीत कौर ने बताया कि उनकी बेटी में जन्म से ही सीखने के प्रति बहुत उत्सुकता रहती है।
हमें उसकी इस प्रतिभा पर गर्व है और उम्मीद है कि उसे देखकर गांव के अन्य बच्चे व अभिभावक भी उससे प्रेरित होंगे। वहीं, स्थानीय जनप्रतिनिधि ब्लाक प्रमुख गौरव सिंह, जसविंदर सिंह डाली, सुरेंद्र सिंह खालसा, विजय बक्शी आदि ने भी बालिका की इस उपलब्धि पर उसके अभिभावकों को बधाई देते हुए शुभकामनाएं दी। |