ढूंढता रहा परिवार, लावारिस में हो गया अंतिम संस्कार (प्रतीकात्मक फोटो)
जागरण संवाददाता, सहारनपुर। स्वजन 15 दिन से राजकुमार की तलाश में दर-दर की खाक छान रहे थे, लेकिन दुर्भाग्य ने उन्हें अंतिम दर्शन का भी मौका नहीं दिया। रेलवे प्लेटफार्म पर पड़े मिले जिस शव का पुलिस ने 15 दिन पहले लावारिस में अंतिम संस्कार कराया था, मगर अब जाकर फिंगर प्रिंट से उसकी पहचान मोदीनगर के शिवपुरी कालोनी निवासी राजकुमार के रूप में हुई है। इस सूचना से स्वजन की तलाश खत्म हो गई और राजकुमार के लौटने की उम्मीद भी।
जीआरपी को रेलवे स्टेशन पर 23 सितंबर को प्लेटफार्म नंबर एक पर 55 वर्षीय व्यक्ति का शव मिला था। शव की पहचान नहीं हो सकी। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया था। 72 घंटे के बाद शव का पुलिस ने लावारिस में अंतिम संस्कार कर दिया था। मृतक के अंगुलियों के निशान को फिंगरप्रिंट यूनिट के पास भेजा गया। फिंगरप्रिंट्स को एनएएफआइएस सिस्टम पर अपलोड किया गया। आधार कार्ड से मिलान के बाद मृतक की पहचान राजकुमार पुत्र तारा सिंह निवासी निवाड़ी रोड शिवपुरी गली नं-पांच थाना मोदीनगर के रूप में हुई। पुलिस की इस प्रक्रिया में काफी समय लग गया। अगर समय से व्यक्ति की शिनाख्त हो जाती तो अपनों को अंतिम दर्शन की इच्छा पूरी हो जाती, लेकिन यह भी हासिल नहीं हो सका। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
NAFIS के कारण लावारिस शवों की पहचान में मिल रही सहायता
सहारनपुर पुलिस की फिंगरप्रिंट यूनिट ने लावारिस शव की पहचान कर स्वजन को सूचना दी। पहले जब भी लावारिस शव प्राप्त होते थे, तो उनकी पहचान कराना एक बड़ी चुनौती बन जाता था। शवों की शिनाख्त न हो पाने से न सिर्फ स्वजन पीड़ा में रहते थे, बल्कि पुलिस जांच में भी जटिलता आती थी। बाद में NAFIS (National Automated Fingerprint Identification System) की स्थापना की गई। जनपदों में फिंगरप्रिंट यूनिट्स की तैनाती की गई।
पांच मार्च को हुई थी लावारिस शव की शिनाख्त
गुरुद्वारा रोड स्थित रेलवे स्टेशन के पास पुलिस को 5 मार्च 2025 को लावारिस शव मिला था। आसपास के लोगों से पुलिस ने पहचान कराई थी, लेकिन पहचान नहीं हो सकी। शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद फिंगरप्रिंट लेकर एनएएफआइएस सिस्टम पर अपलोड किए गए थे। जिसके आधार पर मृतक की पहचान पंजाब के जिला सैसनगर स्थित आदर्शन नगर निवासी उमेश कुमार पुत्र किशोरीलाल के रूप में हुई थी। शव को स्वजन को सुपूर्द कर दिया गया था।
जीआरपी थाना प्रभारी दुर्गेश मिश्रा का कहना है कि 23 सितंबर को प्लेटफार्म नंबर-1 पर अज्ञात व्यक्ति का शव मिला था। जिसकी पहचान न होने के 72 घंटे बाद अंतिम संस्कार करा दिया गया था। फिंगर प्रिंट यूनिट को बरामद शव के फिंगर प्रिंट भेजे थे। जिसके जरिए मृतक व्यक्ति की पहचान हो सकी है। स्वजनों को सूचित कर दिया गया है।
फिंगर प्रिंट के जरिए मोदीनगर के राजकुमार के रूप में हुई पहचान |