मेहूवाला में जिले का सबसे बड़ा गोदाम बनना शुरू। फोटो जागरण
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद। जिले में खाद्यान्न भंडारण की दिशा में एक नई शुरुआत हो चुकी है। गांव मेहूवाला में जिले का सबसे बड़ा और आधुनिक खाद्य भंडारण गोदाम बनना शुरू हो गया है। यह गोदाम जिले का पहला ऐसा केंद्र होगा जिसके साथ से रेल लाइन गुजरती है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इस कारण भविष्य में यहां से दूसरे राज्यों को अनाज भेजने में बड़ी सुविधा मिलेगी। इस गोदाम को नाबार्ड के सहयोग से करीब 19 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा है। निर्माण कार्य की जिम्मेदारी हरियाणा वेयर हाउस की सिविल विंग को सौंपी गई है।
नरवाना की फर्म को बनाने का टेंडर जारी किया है। विभाग ने मेहूवाला में गोदाम निर्माण का प्रस्ताव लगभग 10 साल पहले भेजा था, लेकिन प्रक्रिया में बार-बार अड़चने आती रहीं। अब जाकर यह योजना धरातल पर उतरनी शुरू हुई है। अधिकारियों का कहना है कि यह गोदाम जिले में खाद्यान्न उठान, लदान और परिवहन व्यवस्था को मजबूत करेगा। साथ ही, बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार के अवसर भी प्रदान करेगा।
गेहूं व धान उत्पादन में जिला अव्वल, फिर भी गोदाम का अभाव
बेशक फतेहाबाद प्रदेश के छोटे जिलों में शामिल है, लेकिन गेहूं उत्पादन में हमेशा टाप तीन जिलों में गिना जाता है। इसी तरह, परमल और बासमती किस्म के धान का उत्पादन भी जिले में बड़ी मात्रा में होता है। अभी तक गेहूं व धान की सरकारी खरीद के बाद उसे रखने के लिए विभाग को दूसरे जिलों का सहारा लेना पड़ता था। कई बार भंडारण स्थानों की कमी के कारण उठान कार्य में देरी होती थी। नए गोदाम के बनने से यह समस्या काफी हद तक सुलझ जाएगी।
15 साल पहले पंचायत से ली थी 14 एकड़ जमीन
गोदाम की कुल क्षमता 53 हजार टन निर्धारित की गई हैं। यानी इसमें लगभग 5 लाख 30 हजार क्विंटल गेहूं व चावल रखा जा सकेगा। यह जिले सबसे बड़ा गोदाम र्है। जिसका निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है। निर्माण कार्य के लिए जरूरी सामान भी आ रहा है।
ठेका लेने वाली फर्म का कहना है कि 2027 तक परियोजना पूरी कर ली जाए। मेहूवाला में खाद्य आपूर्ति विभाग के पास कुल 14 एकड़ जमीन है। इस जमीन के पांच एकड़ हिस्से में पहले से बना प्लिंथ यानी भंडारण फर्श है, जिसकी क्षमता लगभग 15 हजार 215 टन है।
अब इसी पर स्थायी गोदाम बन रहा है। शेष 9 एकड़ जमीन पर नया शेड और प्लिंथ तैयार किया जाएगा, जिसकी क्षमता 37 हजार 884 टन होगी। गोदाम परिसर में सीसी सड़क, शौचालय, लेबर हंट, गार्ड रूम जैसी मूलभूत सुविधाएं भी शामिल की जा रही हैं। विभाग पहले ही पूरी जमीन की चारदीवारी का निर्माण कर चुका है।
रेल लाइन से जुड़े होने का फायदा
गोदाम के साथ से ही रेल लाइन गुजरती है। जिससे अनाज को सीधे दूसरे राज्यों में भेजा जा सकेगा। पहले मेहूवाला में विभाग पहले खुले में अनाज रखता था और यहां करीब दो लाख बैग गेहूं एक समय में रखा जाता था। लेकिन बाद में सरकार ने खुले में भंडारण पर रोक लगा दी, जिसके बाद वह प्लिंथ खाली पड़ी रही।
इससे भंडारण क्षमता बढ़ने के साथ-साथ प्रदेश के अन्य जिलों को भेजे जाने वाले गेहूं और चावल के प्रबंधन में कुशलता और पारदर्शिता आएगी।
- विनीत जैन, डीएफएससी। |
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