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शिवपाल और आजम से अखिलेश को डर? रामपुर जाने के पीछे की एक और बड़ी वजह आई सामने

LHC0088 Yesterday 22:06 views 784

  



राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश सरकार में मंत्री और सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर करारा हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि अखिलेश की आजम खान से मुलाकात राजनीतिक मजबूरी का नतीजा है। उन्हें इस बात का डर है कि शिवपाल और आजम मिलकर कोई खेल न कर दें, जिसकी वजह से वह आजम से मिलने रामपुर पहुंच गए।
राजभर ने कहा है कि आजम 23 महीने जेल में रहे, लेकिन अखिलेश एक बार भी उनसे मिलने नहीं गए। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

अब जेल से छूटने पर उन्हें आजम की याद आई है। सपा नेताओं व कार्यकर्ताओं में शिवपाल सिंह यादव और आजम की गहरी पकड़ है। यही अखिलेश के डर का कारण है। तंज कसते हुए कहा है कि आजम की शर्त थी कि अखिलेश उनकी देहरी पर पहुंचकर नाक रगड़ें और अखिलेश रामपुर पहुंच गए। यह दिखाता है कि सपा में अब भी आजम की स्थिति मजबूत है।

राजभर ने यह भी कहा है कि आजम की नाराजगी का असर सपा पर पहले ही दिख चुका है। उनकी गिरफ्तारी के बाद रामपुर की सीट सपा से छिन गई थी। अखिलेश ने तब चुप्पी साध ली थी, लेकिन अब वोट बैंक बचाने के लिए मुलाकात कर रहे हैं। उन्होंने कहा है कि आजम ने अभी तक बसपा या कांग्रेस में जाने की अफवाहों को खारिज नहीं किया है।

उनका यह कहना कि अखिलेश मेरे घर आ रहे हैं तो मैं अकेले मिलूंगा, मेरी पत्नी और बेटा नहीं मिलेंगे। यह बताता है कि परिवार और राजनीति के बीच अब लकीर खिंच चुकी है। रामपुर जाकर अखिलेश ने यह संकेत दिया है कि अब वे कमजोर स्थिति में हैं और आजम जैसे वरिष्ठ नेता की जरूरत महसूस कर रहे हैं।

अखिलेश की आज़म से मुलाकात महज वोटबैंक की सियासत

सहकारिता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जेपीएस राठौर और परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा है कि 23 महीने तक जेल में रहे आज़म की सुध लेने की बजाय अब जमानत के बाद अखिलेश \“\“\“\“घड़ियालू आंसू\“\“\“\“ बहाने रामपुर पहुंचे हैं। यह सपा की मुस्लिम वोटबैंक साधने की सियासी मजबूरी है।

राठौर ने कहा है कि आज़म ने खुद कहा कि जेल में उनके परिवार की किसी ने सुध नहीं ली। अखिलेश ने रामपुर में आज़म का विकल्प खड़ा कर उनकी राजनीति खत्म करने की कोशिश की थी। अब वोटबैंक खिसकता देख वे आज़म से मिलने गए, यह महज स्टंट है। अखिलेश को न आज़म से लगाव है, न किसी और से, उनकी एकमात्र चिंता वोटबैंक है। दोस्ती में गांठ पड़ने के बाद उसका कोई मतलब नहीं रहता, यह आज़म भी समझते हैं। दयाशंकर ने कहा है कि वोटबैंक के खिसकने का डर अखिलेश को रामपुर ले गया।
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