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SSP मेरठ व थानाध्यक्ष समेत 13 व्यापारियों को नोटिस जारी, सुप्रीम कोर्ट ने पूछा- आदेश का पालन क्यों नहीं किया गया?

LHC0088 6 min. ago views 291

  

SSP मेरठ व थानाध्यक्ष समेत 13 व्यापारियों को नोटिस जारी, सुप्रीम कोर्ट ने पूछा- आदेश का पालन क्यों नहीं किया गया?



जागरण संवाददाता, मेरठ। सेंट्रल मार्केट शास्त्रीनगर में भूखंड संख्या 661/6 पर भूउपयोग के विरुद्ध निर्मित कांप्लेक्स को खाली कराकर ध्वस्त करने संबंधी आदेश का पालन न किए जाने पर दाखिल अवमानना याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

कोर्ट ने इस मामले में उत्तर प्रदेश के गृह सचिव, आवास आयुक्त, एसएसपी मेरठ तथा थानाध्यक्ष थाना नौचंदी समेत 13 व्यापारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करके दो सप्ताह में जवाब मांगा है। कोर्ट मे पूछा है कि उक्त आदेश का पालन क्यों नहीं किया गया? अब इस मामले में 27 अक्टूबर की तिथि सुनवाई के लिए निर्धारित की गई है।

सुप्रीम कोर्ट ने 17 दिसंबर 2024 को सेंट्रल मार्केट के आवासीय भूखंड संख्या 661/6 पर बने व्यवसायिक कांप्लेक्स को तीन महीने के भीतर खाली कराने तथा उसके बाद आवास विकास अधिकारियों को दो सप्ताह के भीतर इसे ध्वस्त करने का आदेश दिया था। इस कांप्लेक्स में कुल 22 व्यापारी हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने पूरे प्रदेश में आवासीय भूखंडों पर व्यवसायिक भवनों पर भी यही समान कार्रवाई करने का आदेश दिया था। शास्त्रीनगर कालोनी में आवास विकास ने आवासीय भूखंडों पर बने 1482 व्यवसायिक भवनों (दुकानों) को चिह्नित कर रखा है।

सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश का पालन न होने पर सामाजिक कार्यकर्ता लोकेश खुराना सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की थी। जिसपर 6 अक्टूबर को सुनवाई हुई। न्यायमूर्ति न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला तथा न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन ने सुनवाई के बाद याचिका को स्वीकार कर लिया।

कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के गृह सचिव, आवास आयुक्त, एसएसपी मेरठ तथा थानाध्यक्ष थाना नौचंदी, व्यापारी राजेंद्र कुमार बड़जात्या,संदीप सिंह, राजीव गुप्ता, सुषमा शर्मा,संगीता वाधवा,चंद्र प्रकाश गोयल, निशि गोयल,अमरजीत व जगप्रीत कौर को नोटिस जारी करके दो सप्ताह में जवाब मांगा है। कोर्ट ने इस मामले को उड़ीसा के अन्य केस के साथ मर्ज किया है। अब इस मामले में सुनवाई 27 अक्टूबर को होगी।

अवमानना से घबराए हैं अधिकारी

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की अवमानना से अधिकारी घबराए हुए हैं। आवास विकास के साथ पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने दो दिन पहले ही इस संंबंध में पुलिस लाइन व्यापारियों के साथ बैठक की थी। जिसमें उन्होंने व्यापारियों से अवैध निर्माण को खुद हटा लेने लेने को कहा। चेतावनी भी दी कि यदि व्यापारियों ने अवैध निर्माण स्वयं ध्वस्त नही किया जो आवास विकास परिषद यह कार्रवाई करेगा। अक्टूबर माह में उनको इस बाबत कोर्ट में रिपोर्ट दाखिल करनी है।
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