400 रुपये दिहाड़ी पर रखे थे बायोमेट्रिक और जैमर लगाने वाले कर्मी
सोबन सिंह गुसांई, देहरादून। 2021 में नकल प्रकरण ने आयोग से लेकर सरकार को कटघरे में खड़ा किया। नकल माफिया हाकम सिंह सहित करीब 82 आरोपितों को जेल भेजा। इसके बाद सरकार ने प्रदेश में सख्त नकल कानून बनाया, लेकिन बड़ी परीक्षाओं के दौरान संसाधन उपलब्ध कराने की जहमत नहीं उठाई। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
हालत यह हैं कि 21 सितंबर को हुई यूकेएसएसएससी की स्नातक स्तरीय (समूह ग) की परीक्षा को संपन्न कराने के लिए बायोमेट्रिक और जैमर लगाने वाले कर्मचारी 400 से 500 रुपये की दिहाड़ी पर लाए गए थे।
बताया जा रहा है कि ये कर्मचारी कोई 10वीं तो कोई 12वीं पास है। इन्हें केवल बायोमेट्रिक व जैमर लगाने का प्रशिक्षण दिया गया, जबकि तकनीकी जानकारी नहीं दी गई। परीक्षा केंद्रों में लगाए गए कई जैमरों में प्लग भी नहीं थे और जैमर के तार ऐसे ही लगाए हुए थे, जोकि हवा के झोंके से हिलकर बाहर आ सकते थे। अब जांच शुरू हुई तो यह बात भी सामने आ रही है कि कई केंद्रों में जैमर ही नहीं लगाए गए।
परीक्षा केंद्रों की जांच पर भी उठ रहे हैं सवालgumla-crime,Gumla encounter,Jharkhand Janmukti Parishad,JJMP militants,Bishunpur police station,Jaalim Jungle,SP Haris Bin Zaman,Brijesh Yadav squad,Gumla police,militant encounter,Jharkhand crime,गुमला मुठभेड़,गुमला पुलिस,उग्रवादी मुठभेड़,झारखंड अपराध,Jharkhand news
हरिद्वार स्थित बहादुरपुर जट स्थित आदर्श बाल सदन इंटर कालेज से पेपर लीक होने के बाद अब अन्य परीक्षा केंद्रों पर भी सवाल उठने लगे हैं। पुलिस जांच में बायोमेट्रिक, जैमर लगाने वाली कर्मियों के साथ-साथ केंद्र का स्टाफ भी पुलिस की रडार पर है।
स्कूल स्टाफ सहित 15 लोगों को पूछताछ की जा रही है। लापरवाही पर स्टाफ पर भी गाज गिरनी तय मानी जा रही है। पुलिस के अनुसार बिना स्टाफ के मिलीभगत के पेपर बाहर नहीं आ सकता है। पुलिस एक-एक कर्मचारी की भूमिका की जांच कर रही है।
पेपर के तीन ही पन्ने भेजे या पूरा पेपर, जांच में आएगा सामने
पेपर लीक करने वाले मास्टरमाइंड खालिद ने पेपर के तीन ही पन्ने बाहर भेजे या पूरा पेपर अब जांच में सामने आएगा। जिस तरह से आरोपित ने परीक्षा को लेकर पूरा षड़यंत्र रचा था, उससे यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि वह पूरा पेपर भी लीक कर सकता है। आरोपित ने चार जगह परीक्षा के लिए आवेदन किया था।
इसके बाद उसने पेपर लीक करने से लेकर पेपर साल्व करने तक पूरा नेटवर्क बिछा दिया। पेपर साल्व करने के लिए उसने अपनी पूर्व परिचित असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन को चुना जबकि सुमन तक पेपर पहुंचाने के लिए अपनी बहन को घर पर रखा और अपना फोन भी उसे दिया, ताकि सुमन को भरोसा हो जाए कि पेपर उसी के फोन से भेजा गया है। |