बीमा कंपनियों ने दिया ईमेल का जवाब,पुलिस को भेजी संदिग्ध मरीजों की सूची
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम में बड़े फर्जीवाड़े का पर्दाफाश होने के बाद जिले की पुलिस अब पूरे नेटवर्क को खंगालने में जुट गई है। तीन बीमा कंपनियों ने पुलिस को संदिग्ध मरीजों की सूची उपलब्ध कराई है। अब इन मरीजों का ब्योरा एक-एक कर जुटाया जा रहा है ताकि यह साफ हो सके कि किन-किन अस्पतालों के जरिए फर्जी क्लेम निकाले गए। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
अब तक की जांच में सामने आया है कि शहर के उमंग और पुष्पांजलि अस्पतालों के संचालक फरार हैं। पुलिस की टीमें उनकी तलाश में लगातार दबिश दे रही हैं। वहीं, डिसेंट हास्पिटल के मैनेजर के कंप्यूटर से कई अन्य नर्सिंग होमों के दस्तावेज मिले हैं।
जांच में पता चला कि इन्हीं दस्तावेजों का इस्तेमाल कर फर्जी क्लेम दाखिल किए जाते थे।पुलिस ने बताया कि कंप्यूटर से डेटा डिलीट कर सबूत मिटाने की कोशिश की गई थी, लेकिन साइबर सेल की तकनीकी टीम ने मेहनत करके कई फाइलें रिकवर कर लीं।
इन फाइलों से यह साफ हो गया है कि जालसाजी किसी एक अस्पताल तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक संगठित गिरोह द्वारा किया जा रहा था।इस मामले में डिसेंट हाॅस्पिटल के संचालकों समेत चार लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। फरार आरोपितों की तलाश करने के साथ ही अन्य अस्पतालों के भूमिका की जांच चल रही है।new-delhi-city-general,New Delhi City news,Nadi Utsav celebration,River conservation efforts,Yamuna River discussion,Indira Gandhi National Centre, Water conservation awareness,Indian river culture,River ecology importance,CR Patil inauguration,My River Story film festival,Delhi news
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ऐसे हुए पर्दाफाश
यह पूरा मामला बजाज आलियांज फाइनेंस कंपनी की शिकायत से खुला।कंपनी ने पुलिस को बताया कि दिल्ली निवासी सत्यदीप के नाम पर फर्जी तरीके से 1.80 लाख रुपये का हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम निकाला गया, जबकि सत्यदीप ने बयान दिया कि वह कभी अस्पताल में भर्ती ही नहीं हुए। इस पर्दाफाश ने पूरे गिरोह की परतें उधेड़ दीं।बीमा कंपनी के अधिकारियों की तरफ से रामगढ़ताल थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया। |