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राजनीति के एक ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बनेगा सदाकत आश्रम, खोई हुई जमीन वापस पाने में जुटी कांग्रेस

deltin33 2025-9-25 18:00:09 views 618

  राजनीति के एक ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बनेगा सदाकत आश्रम। (जागरण)





सुनील राज, पटना। बिहार की धरती एक बार फिर राष्ट्रीय राजनीति का केंद्र बनने जा रही है। ऐसा मौका किसी प्रदेश को बिरले ही मिलता है।

बुधवार को पटना में कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की विस्तारित बैठक होनी है। प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय के प्रांगण में होने वाली इस बैठक के जरिए इतिहास रचने की तैयारी है। बैठक में बिहार के साथ ही पूरे देश की राजनीति का एजेंडा तय होगा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

सदाकत आश्रम में बने जर्मन हैंगर की विशाल संरचना, कालीन से सजी नई सड़क और सघन सुरक्षा व्यवस्था इस आयोजन की भव्यता को रेखांकित कर रहे हैं। कांग्रेस इसे केवल एक बैठक नहीं, बल्कि राजनीतिक शक्ति प्रदर्शन के रूप में पेश करना चाहती है।



संदेश साफ है, पार्टी लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के एजेंडे को जनता तक ले जाने का संकल्प लेगी। कांग्रेस का फोकस इस बैठक के जरिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की जोड़ी पर सीधा हमला करने का है।

पार्टी मान रही है कि भाजपा सरकार ने सत्ता बनाए रखने के लिए संविधान की मूल भावना से छेड़छाड़ की है और लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करने का काम किया है।

मोदी-शाह पर केंद्रित हमला करके कांग्रेस अपने समर्थकों को यह संदेश देना चाहती है कि असली लड़ाई भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से है। जनता को यह समझाने की कोशिश भी होगी कि भाजपा सत्ता पाने के लिए लोकतांत्रिक रास्तों का नहीं, बल्कि वोट चोरी का रास्ता अख्तियार करती है।Aaj Ka Love Rashifal, Aaj Ka Love Rashifal 24 September 2025, 24 September love horoscope, Sagittarius love prediction, Capricorn love forecast, Aquarius love prediction, Pisces love prediction, daily zodiac love, 24 September relationship horoscope, love astrology today, romantic zodiac signs, dhanu love rashifal, makar love rashifal, kumbh love rashifal ,meen love rashifal



बिहार जैसे राजनीतिक रूप से जागरूक राज्य में यह मुद्दा जनभावना को प्रभावित करने की क्षमता रखता है। यह बैठक कांग्रेस के लिए बिहार में अपनी खोई हुई जमीन वापस हासिल करने का एक मौका भी है।

लंबे समय से राज्य की राजनीति में हाशिए पर रही कांग्रेस अब राष्ट्रीय नेतृत्व की मौजूदगी और बड़े राजनीतिक संदेशों के जरिए सक्रियता दिखाना चाहती है।
कांग्रेस देना चाहती है संकेत

सीडब्ल्यूसी की बैठक से कांग्रेस यह संकेत भी देना चाहती है कि बिहार केवल चुनावी प्रयोगशाला नहीं, बल्कि राष्ट्रीय राजनीति को दिशा देने वाली भूमि है। यहां से निकला संदेश आने वाले दिनों में कांग्रेस के चुनावी अभियान की धुरी बनेगा।



महागठबंधन का हिस्सा होने के नाते कांग्रेस अपने सहयोगियों को भी यह जताना चाहती है कि वह सिर्फ दर्शक की भूमिका में नहीं है, बल्कि मुद्दों को गढ़ने और एजेंडा तय करने में भी सक्षम है।

बैठक के जरिए विपक्षी एकता को धार देने का प्रयास भी होगा। सीडब्ल्यूसी की बैठक को कांग्रेस के लिए महज एक औपचारिकता नहीं, बल्कि एक निर्णायक राजनीतिक अभियान की शुरुआत माना जा रहा है।

उसकी यह रणनीति बिहार की राजनीति को कितना प्रभावित कर पाती है और आगामी चुनावी तस्वीर में उसे कितना लाभ पहुंचाती है, बैठक के बाद इस पर चर्चा अवश्यंभावी है।
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