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Bihar Assembly Election: 2005 के बाद बदली बिहार चुनाव की तस्वीर, इस मामले में नारी पुरुषों पर भारी

cy520520 2025-10-8 19:06:40 views 742

  बिहार चुनाव में नारी पुरुषों पर भारी। फाइल फोटो





जयशंकर बिहारी, पटना। पिछले तीन विधानसभा चुनावों से महिलाएं मतदान केंद्रों पर ज्यादा उमड़ रही हैं। 2010 से पहले मतदान में पुरुषों की भागीदारी अधिक होती थी। अब स्थिति बदल गई है।

पुरुषों की तुलना में आधी आबादी पांच से सात प्रतिशत अधिक मतदान कर रही हैं। महिला मतदाताओं ने 50 प्रतिशत का आंकड़ा 1990 में प्राप्त किया।

संपूर्ण क्रांति व आपातकाल के बाद सत्ता बदलने को 1977 के चुनाव में मतदान प्रतिशत काफी बढ़ा, परंतु महिलाओं की भागीदारी काफी कम रही।



71.27 प्रतिशत पुरुषों ने, जबकि महिलाओं का मतदान केवल 38.32 प्रतिशत रहा। पहले और दूसरे विधानसभा चुनाव में महिला और पुरुष मतदाताओं की भागीदारी का प्रतिशत उपलब्ध नहीं है।

1962 में सबसे कम 32.47 प्रतिशत महिलाओं ने ही वोट डाला। 2005 में फरवरी में किसी दल या गठबंधन को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने पर अक्टूबर में दोबारा चुनाव कराए गए। इसमें महिलाओं का मतदान प्रतिशत पुरुषों के लगभग बराबर रहा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें


अब तक कैसा रहा मतदान प्रतिशत

    वर्ष पुरुष  महिला कुल
   
   
   1951
   -
   -
   30.51
   
   
   1957
   -
   -
   41.32
   
   
   1962
   54.94
   32.47
   44.47
   
   
   1967
   60.82
   41.09
   51.51
   
   
   1969
   62.86
   41.43
   52.79
   
   
   1972
   63.06
   41.30
   52.79
   
   
   1977
   71.27
   38.32
   50.51
   
   
   1980
   66.57
   46.86
   57.28
   
   
   1985
   65.81
   45.63
   56.27
   
   
   1990
   69.63
   53.25
   62.04
   
   
   1995
   67.13
   55.80
   61.79
   
   
   2000
   70.71
   53.28
   62.57
   
   
   2005
   49.94
   42.51
   46.19
   
   
   2005
   47.92
   44.62
   45.91
   
   
   2010
   51.11
   54.44
   52.65
   
   
   2015
   53.32
   60.48
   56.66
   
   
   2020
   54.45
   59.69
   56.93
   
पांच का दिख रहा दम

डेवलपमेंट मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट (डीएमआइ), के डीन एकेडमिक प्रो. शंकर पूर्वे का कहना है कि इस बदलाव के पीछे पांच कारक प्रमुख हैं। 2005 के बाद पंचायत चुनाव में 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया।



इससे बड़ी आबादी चुनाव प्रक्रिया में प्रत्यक्ष रूप से शामिल हुईं। महिला शिक्षा और महिलाओं के निर्णय लेने की क्षमता में वृद्धि भी प्रमुख कारक है। कानून-व्यवस्था की स्थिति बेहतर हुई।

जीविका जैसी योजना ने उन्हें स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया। आर्थिक उन्नति ने भी उन्हें बूथ तक लाने में महती भूमिका निभाई।
आवागमन के लिए किराया तय

विधानसभा चुनाव के लिए परिवहन विभाग ने वाहनों का किराया तय कर दिया है। श्रेणी के हिसाब से वाहनों का अलग-अलग किराया निर्धारित किया गया है। इंधन अलग से निर्वाचन विभाग उपलब्ध कराएगा। प्रतिदिन के हिसाब से किराया मिलेगा।



    वाहन प्रकार किराया (रुपये में)
   
   
   बड़ी बस (50 से अधिक सीट)
   3500
   
   
   बस (40-49 सीटर)
   3200
   
   
   मिनी बस
   2500
   
   
   मैक्सी, सीटी राइड, विंगर, टेंपो
   2000
   
   
   छोटी कार
   1000
   
   
   छोटी कार (एसी)
   1100
   
   
   ट्रेकर, जीप, कमांडर, जिप्सी एवं समकक्षीय वाहन
   1000
   
   
   सुमो/मार्शल (सामान्य)
   1200
   
   
   जाइलो, बोलेरो, सुमो व मार्शल (एसी)
   1500
   
   
   स्कॉर्पियो, क्वालिस, टैवेरा (एसी)
   1900
   
   
   इनोवा/सफारी (एसी)
   2100
   
   
   विक्रम, मैजिक, एसमैजिक, मिनीडोर, ओमनी, फोर्स, मेटाडोर एवं समकक्षीय वाहन
   900
   
   
   आटो व ई रिक्शा
   700
   
   
   बाइक
   350
   
   
   सीएनजी बस (40-49 सीटर)
   3200
   
   
   सीएनजी बस (23-39 सीटर)
   2500
  
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