बिहार चुनाव में नारी पुरुषों पर भारी। फाइल फोटो
जयशंकर बिहारी, पटना। पिछले तीन विधानसभा चुनावों से महिलाएं मतदान केंद्रों पर ज्यादा उमड़ रही हैं। 2010 से पहले मतदान में पुरुषों की भागीदारी अधिक होती थी। अब स्थिति बदल गई है।
पुरुषों की तुलना में आधी आबादी पांच से सात प्रतिशत अधिक मतदान कर रही हैं। महिला मतदाताओं ने 50 प्रतिशत का आंकड़ा 1990 में प्राप्त किया।
संपूर्ण क्रांति व आपातकाल के बाद सत्ता बदलने को 1977 के चुनाव में मतदान प्रतिशत काफी बढ़ा, परंतु महिलाओं की भागीदारी काफी कम रही।
71.27 प्रतिशत पुरुषों ने, जबकि महिलाओं का मतदान केवल 38.32 प्रतिशत रहा। पहले और दूसरे विधानसभा चुनाव में महिला और पुरुष मतदाताओं की भागीदारी का प्रतिशत उपलब्ध नहीं है।
1962 में सबसे कम 32.47 प्रतिशत महिलाओं ने ही वोट डाला। 2005 में फरवरी में किसी दल या गठबंधन को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने पर अक्टूबर में दोबारा चुनाव कराए गए। इसमें महिलाओं का मतदान प्रतिशत पुरुषों के लगभग बराबर रहा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
अब तक कैसा रहा मतदान प्रतिशत
वर्ष पुरुष महिला कुल
1951
-
-
30.51
1957
-
-
41.32
1962
54.94
32.47
44.47
1967
60.82
41.09
51.51
1969
62.86
41.43
52.79
1972
63.06
41.30
52.79
1977
71.27
38.32
50.51
1980
66.57
46.86
57.28
1985
65.81
45.63
56.27
1990
69.63
53.25
62.04
1995
67.13
55.80
61.79
2000
70.71
53.28
62.57
2005
49.94
42.51
46.19
2005
47.92
44.62
45.91
2010
51.11
54.44
52.65
2015
53.32
60.48
56.66
2020
54.45
59.69
56.93
पांच का दिख रहा दम
डेवलपमेंट मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट (डीएमआइ), के डीन एकेडमिक प्रो. शंकर पूर्वे का कहना है कि इस बदलाव के पीछे पांच कारक प्रमुख हैं। 2005 के बाद पंचायत चुनाव में 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया।
इससे बड़ी आबादी चुनाव प्रक्रिया में प्रत्यक्ष रूप से शामिल हुईं। महिला शिक्षा और महिलाओं के निर्णय लेने की क्षमता में वृद्धि भी प्रमुख कारक है। कानून-व्यवस्था की स्थिति बेहतर हुई।
जीविका जैसी योजना ने उन्हें स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया। आर्थिक उन्नति ने भी उन्हें बूथ तक लाने में महती भूमिका निभाई।
आवागमन के लिए किराया तय
विधानसभा चुनाव के लिए परिवहन विभाग ने वाहनों का किराया तय कर दिया है। श्रेणी के हिसाब से वाहनों का अलग-अलग किराया निर्धारित किया गया है। इंधन अलग से निर्वाचन विभाग उपलब्ध कराएगा। प्रतिदिन के हिसाब से किराया मिलेगा।
वाहन प्रकार किराया (रुपये में)
बड़ी बस (50 से अधिक सीट)
3500
बस (40-49 सीटर)
3200
मिनी बस
2500
मैक्सी, सीटी राइड, विंगर, टेंपो
2000
छोटी कार
1000
छोटी कार (एसी)
1100
ट्रेकर, जीप, कमांडर, जिप्सी एवं समकक्षीय वाहन
1000
सुमो/मार्शल (सामान्य)
1200
जाइलो, बोलेरो, सुमो व मार्शल (एसी)
1500
स्कॉर्पियो, क्वालिस, टैवेरा (एसी)
1900
इनोवा/सफारी (एसी)
2100
विक्रम, मैजिक, एसमैजिक, मिनीडोर, ओमनी, फोर्स, मेटाडोर एवं समकक्षीय वाहन
900
आटो व ई रिक्शा
700
बाइक
350
सीएनजी बस (40-49 सीटर)
3200
सीएनजी बस (23-39 सीटर)
2500
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