गोल्ड, होम, ऑटो और कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन में वापसी, लेकिन क्रेडिट कार्ड कमजोर; CIBIL डेटा में क्या-क्या सामने आया?
नई दिल्ली| सितंबर 2025 तिमाही में भारत के रिटेल लोन मार्केट में मिली-जुली तस्वीर सामने आई है। ट्रांसयूनियन सिबिल (TransUnion CIBIL) के क्रेडिट मार्केट इंडिकेटर (CMI) के मुताबिक, बीते साल की गिरावट के बाद होम लोन, ऑटो लोन और कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन में दोबारा पॉजिटिव मोमेंटम देखने को मिला है। हालांकि सालाना आधार पर उपभोक्ता व्यवहार कमजोर रहा, लेकिन तिमाही आधार पर इसमें सुधार दर्ज किया गया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
गोल्ड लोन में 16% की मजबूती
रिपोर्ट के अनुसार, सितंबर 2025 तिमाही में लोन ओरिजिनेशन में कई सेगमेंट्स ने वापसी की है। होम लोन में जहां सालाना आधार पर 1% की मामूली बढ़त दर्ज हुई, वहीं पिछले साल इसी अवधि में इसमें 6% की गिरावट थी। ऑटो लोन में 6% और टू-व्हीलर लोन में 5% की सालाना बढ़त दर्ज की गई।
पर्सनल लोन में भी 10-11% की ग्रोथ बनी रही। सबसे मजबूत उछाल कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन में देखने को मिला, जहां सितंबर 2025 तिमाही में 19% की ग्रोथ रही, जबकि पिछले साल इसमें 3% की गिरावट थी। गोल्ड लोन में भी 16% की मजबूती दर्ज की गई।
यह भी पढ़ें- नो स्कोर से 730+ तक... 12 महीने में कैसे बनाएं अपना Credit Score? एक्सपर्ट से 7 पॉइंट में समझें सबकुछ
क्रेडिट कार्ड सेगमेंट में कमजोरी
हालांकि क्रेडिट कार्ड सेगमेंट में कमजोरी बनी हुई है। सितंबर 2025 तिमाही में क्रेडिट कार्ड लोन (Credit Card Loan) में 15% की गिरावट दर्ज की गई, जबकि पिछले साल भी इसमें 22% की बड़ी गिरावट देखी गई थी। यह दिखाता है कि बैंक और एनबीएफसी अनसिक्योर्ड लोन को लेकर अब भी सतर्क रुख अपनाए हुए हैं।
आर्थिक विकास के लिए अहम रहा GST 2.0
कंज्यूमर बिहेवियर के लिए CMI सालाना आधार पर कमजोर जरूर रहा, लेकिन तिमाही आधार पर इसमें सुधार दिखा। सितंबर 2024 में यह इंडेक्स 106 था, जो दिसंबर 2024 में गिरकर 96 तक आ गया। इसके बाद मार्च 2025 में 95 और जून 2025 में 95 रहने के बाद सितंबर 2025 में बढ़कर 97 हो गया। यह संकेत है कि उपभोक्ताओं का भरोसा धीरे-धीरे लौट रहा है।
ट्रांसयूनियन सिबिल के एमडी और सीईओ भावेश जैन (Mr. Bhavesh Jain, MD & CEO) ने कहा कि, “GST 2.0 आर्थिक विकास को रफ्तार देने के लिए जरूरी कदम था। इसका असर उपभोक्ता भावना और क्रेडिट डिमांड में साफ दिख रहा है। लेकिन क्रेडिट ग्रोथ को बनाए रखने के साथ-साथ जिम्मेदार उधार को बढ़ावा देना भी उतना ही जरूरी है।“
क्या बताते हैं आउटस्टैंडिंग बैलेंस के आंकड़े?
आउटस्टैंडिंग बैलेंस के आंकड़े बताते हैं कि ग्रोथ की रफ्तार लगभग सभी प्रोडक्ट्स में पिछले साल के मुकाबले धीमी रही। होम लोन की सालाना ग्रोथ 14% से घटकर 12%, ऑटो लोन 21% से घटकर 15% और टू-व्हीलर लोन 29% से घटकर 13% रह गई। क्रेडिट कार्ड और गोल्ड लोन में सबसे ज्यादा सुस्ती दिखी।
ट्रांसयूनियन सिबिल (TransUnion CIBIL) का कहना है कि सुरक्षित और एसेट-बैक्ड लोन पर फोकस बढ़ने से बाजार में स्थिरता बनी हुई है। हालांकि उपभोक्ता व्यवहार में आई यह ताजा सुधार आने वाले क्वार्टर में क्रेडिट ग्रोथ के लिए अहम साबित हो सकता है। |