Muzaffarpur model hospital dog bite: माडल अस्पताल में औसतन 70 से 80 मरीज आ रहे। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। Muzaffarpur stray dog attack: ठंड के बढ़ते असर के साथ शहर में आवारा कुत्तों के हमले भी तेजी से बढ़े हैं।
कुत्तों के काटने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं, जिससे माडल अस्पताल में इलाज कराने वाले मरीजों की संख्या दोगुनी से अधिक हो गई है।
अस्पताल कर्मियों के अनुसार, पहले प्रतिदिन 30–40 मामले आते थे, जबकि अब यह संख्या बढ़कर 70–80 तक पहुंच गई है। मंगलवार को ब्रह्मपुरा निवासी बबीता को कुत्ते के काटने के बाद स्वजन माडल अस्पताल लेकर पहुंचे।
बबीता ने बताया कि सुबह घर से निकलते ही अचानक एक कुत्ते ने उन पर हमला कर दिया और पैर में काट लिया। अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें एंटी-रैबीज वैक्सीन दी गई।
इलाज कराने पहुंचे बालूघाट निवासी राजा राय ने कहा कि शहर में आवारा कुत्तों की संख्या लगातार बढ़ रही है, लेकिन इससे निपटने के लिए कोई ठोस व्यवस्था नहीं की जा रही है।
कई इलाकों में बाइक सवारों पर कुत्तों के झुंड हमला कर रहे हैं, वहीं घर के बाहर खेल रहे छोटे बच्चे भी इनके निशाने पर हैं। छोटी कल्याणी निवासी अमित कुमार ने बताया कि कुत्तों की बढ़ती आबादी पर नियंत्रण के लिए नसबंदी जैसे प्रभावी कदम उठाने की जरूरत है, लेकिन नगर निगम क्षेत्र में इस दिशा में कोई ठोस पहल नजर नहीं आ रही है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
सर्दी में कुत्ते हो जाते हैं अधिक आक्रामक
राजकीय पशु औषधालय चंदवारा के पशु चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. नरेंद्र तिवारी ने बताया कि इस मौसम में कुत्तों में हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है, जिससे वे अधिक आक्रामक हो जाते हैं। यह व्यवहार आंशिक रूप से मनोवैज्ञानिक भी होता है।
जिन स्थानों पर कुत्ते नियमित रूप से बैठते हैं, वहां अचानक किसी के पहुंचने या गुजरने पर वे हमला कर सकते हैं। उन्होंने लोगों को ऐसे स्थानों पर सावधानी बरतने, अकेले न जाने और छोटे बच्चों को वहां जाने से रोकने की सलाह दी। पर्याप्त भोजन न मिलने के कारण बेसहारा कुत्ते छोटे बच्चों और बिल्ली, बकरी, खरगोश जैसे जानवरों पर भी हमला कर सकते हैं।
बचाव के उपाय
- बच्चे कुत्तों से उचित दूरी बनाकर चलें।
- जिन मादा कुत्तों के साथ पिल्ले हों, उनसे दूरी बनाए रखें।
- कुत्तों से अनावश्यक छेड़छाड़ या उन्हें परेशान न करें।
- कुत्ता काटने की स्थिति में तुरंत साफ पानी से घाव धोएं और बिना देरी अस्पताल जाकर इलाज कराएं।
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