Digital Jaap Mala: डिजिटल जाप माला (AI-generated image)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सुबह की भीड़, हाथ में मोबाइल, कानों में ईयरफोन और स्क्रीन पर चल रहा मंत्र जाप, ये नज़ारा आजकल कई युवाओं के लिए बिल्कुल आम हो गया है। पहले जहां जाप माला मंदिर या पूजा की अलमारी तक सीमित थे, वहीं अब वह मोबाइल ऐप और डिजिटल डिवाइस बनकर जेब में आ गए हैं। आस्था और टेक्नोलॉजी का यही मेल आज डिजिटल जाप माला (Digital Jaap Mala) के नाम से युवाओं के बीच नया ट्रेंड बन चुका है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
डिजिटल जाप माला दरअसल एक स्मार्ट तरीका है मंत्र जाप करने का। इसमें मोबाइल ऐप या छोटे डिजिटल काउंटर (Digital Counter) के ज़रिए जाप की गिनती अपने-आप होती है। न माला टूटने का डर, न गिनती भूलने की टेंशन। बस स्क्रीन पर उंगली चलाइए और मंत्र जाप पूरा कीजिए।
डिजिटल जाप माला की खास बातें-
. मंत्रों की ऑटोमैटिक काउंटिंग
. 108 या तय संख्या पूरी होने पर नोटिफिकेशन
. मोबाइल और स्मार्ट डिवाइस में आसानी से उपलब्ध
. कहीं भी, कभी भी जाप की सुविधा
युवाओं को ये ट्रेंड इसलिए भी बढ़ रहा है क्योंकि यह उनकी बिजी और डिजिटल लाइफस्टाइल से पूरी तरह मेल खाता है। कॉलेज स्टूडेंट्स हों या ऑफिस जाने वाले प्रोफेशनल्स, ट्रैफिक में फंसे हों या मेट्रो में सफर कर रहे हों, डिजिटल जाप माला हर जगह आपके साथ रहती है। इससे पूजा-पाठ अब किसी तय समय या जगह का मोहताज नहीं रह गया।
धार्मिक अभ्यास के साथ-साथ बहुत कुछ मिलता है
आज कई युवा इसे सिर्फ धार्मिक अभ्यास नहीं, बल्कि मेंटल शांति और सेल्फ-हीलिंग का ज़रिया मानते हैं। डिजिटल जाप माला से ध्यान केंद्रित होता है और मन को सुकून मिलता है। कई ऐप्स में ऐसे फीचर्स भी मिलते हैं जो इस अनुभव को और बेहतर बनाते हैं.
* मेडिटेशन म्यूजिक और मंत्रों की ऑडियो गाइड
* रोज़ाना जाप के लिए रिमाइंडर
* स्ट्रेस कम करने वाले माइंडफुलनेस टूल्स
हालांकि, लोगों का यह भी मानना हैं कि डिजिटल जाप माला से पारंपरिक मोतियों वाली माला जैसी भावनात्मक अनुभूति नहीं मिलती। उनका कहना है कि हाथ में माला लेकर किया गया जाप ज़्यादा गहरा असर डालता है। वहीं, समर्थकों का तर्क है कि साधना का असली मकसद मन की एकाग्रता है, माध्यम कोई भी हो।
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