deltin33 • 2025-12-17 13:36:39 • views 183
खंदौली मे यमुना एक्सप्रेक्स वे पर टूटी पड़ी फेसिंग और उखड़े संकेतक
जागरण संवाददाता, आगरा। प्रदेश के पहले यमुना एक्सप्रेसवे में कोहरे से निपटने के इंतजाम अधूरे हैं। 13 साल पूर्व बने इस एक्सप्रेसवे में एक बार कंटीले तार टूटने के बाद आजतक नहीं लगाए गए हैं। रेडियम की पट्टी से लेकर लाल और पीली लाइट भी नहीं लगी है। कुबेरपुर से लेकर खंदौली के मध्य बने सात इमरजेंसी पब्लिक बूथ भी टूट चुके हैं। इन्हें दोबारा नहीं बनवाया गया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
एक्सप्रेसवे से हर दिन 19 हजार से अधिक वाहन गुजरते हैं और 90 लाख रुपये के आसपास टोल टैक्स मिलता है। हर साल सुविधाएं बढ़ाने के नाम पर टोल टैक्स की दर में बढ़ोतरी की जाती है। मगर, कोहरे के दौरान संरक्षा के इंतजाम पर कोई भी ध्यान नहीं दिया जाता है। जागरण टीम ने मंगलवार को कुबेरपुर से खंदौली टोल प्लाजा तक पड़ताल की। कुबेरपुर स्थित एंट्री प्वाइंट के पास सीसीटीवी कैमरे खराब मिले।
तार टूटने से एक्सप्रेसवे पर आ जाते हैं जानवर, कई जगहों पर मुड़ गए हैं क्रैश बैरियर
यमुना एक्सप्रेसवे का शुभारंभ नौ अगस्त 2012 को हुआ था। आगरा से नोएडा तक यह 165.5 किमी लंबा है। छह लेन के इस एक्सप्रेसवे को आठ लेन तक किया जा सकता है। जागरण टीम ने मंगलवार को कुबेरपुर स्थित एंट्री प्वाइंट पर पहुंची। यहां पर वाहन खड़े हुए थे। एंट्री प्वाइंट के दोनों ओर जिस तरीके से कोहरे के नजरिए से रेडियम की पट्टी लगी होनी चाहिए। वह नजर नहीं आई। टीम माइलस्टोन नंबर 165 पर पहुंची। यहां से नोएडा की तरफ आगे बढ़ी। अभी एक किमी का सफर तय नहीं किया होगा। टीम की नजर एक्सप्रेसवे के किनारे पर पड़ी। जानवरों को रोकने के लिए लगाए गए कंटीले तार टूट पड़े हुए थे। 100 मीटर के हिस्से में तार गायब थे। यह हाल पांच से सात किमी तक नजर आया।
पीली रंग की नहीं लगी लाइट, पूरी तरह से टूट चुके हैं इमरजेंसी पब्लिक बूथ
इमरजेंसी पब्लिक बूथ टूटा हुआ पड़ा था। कोहरे के दौरान पीली लाइट नहीं लगी थी। टीम कुछ आगे बढ़ी तो तीन से चार जगहों पर क्रैश बैरियर मुड़ा हुआ था। टीम माइलस्टोन नंबर 155 से होते हुए 150 पर पहुंची। यहां पर भी जाली टूटी हुई थी। पीले और लाल रंग के चमकीले टेप उखड़ चुके थे या फिर काले पड़ गए थे। टीम माइलस्टोन नंबर 148 पर पहुंची। यहां पर भी सुविधाएं नहीं थीं। टीम नोएडा से आगरा की तरफ चली। दूसरी तरफ की लेन पर भी संरक्षा के इंतजाम पर्याप्त नहीं थे। कई जगहों पर संकेतक बोर्ड नहीं लगे हुए थे। रेडियम की पट्टी काली पड़ गई थी।
सेवानिवृत्त इंजीनियर एसपी सिंह ने कहा कि कोहरा शुरू होने से पहले यह सभी इंतजाम पूरे हो जाने चाहिए। खासकर अगर टोल टैक्स लिया जा रहा है तो हर दिन संरक्षा पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। मगर, यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण द्वारा इस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। यहां तक सुरक्षा आडिट को भी सार्वजनिक नहीं किया जाता है।
यमुना एक्सप्रेसवे में कोहरे से निपटने के इंतजाम ठीक नहीं हैं। जिस तरीके से रिफ्लेक्टिव टेप लगाए जाने चाहिए। वह नहीं लगे हैं। यात्रियों की संरक्षा से खिलवाड़ किया जा रहा है। डॉ. देवाशीष भट्टाचार्य, कालीबाड़ी
यात्रियों की संरक्षा पर एक्सप्रेसवे प्रशासन को ध्यान देना चाहिए। आखिर टोल टैक्स किस बात का लिया जा रहा है। इंतजाम न होने पर संबंधित अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
क्रैश बैरियर कई जगह मुड़ गए हैं। इससे बेसहारा जानवर आ जाते हैं। इसे लेकर ठोस कदम उठाने की जरूरत है तब तक टोल टैक्स की वसूली नहीं होनी चाहिए। प्रमोद पाठक, दयालबाग
यमुना एक्सप्रेसवे से हर दिन हजारों वाहन गुजरते हैं। संरक्षा के इंतजाम की ठीक से जांच होनी चाहिए। क्रेन और एंबुलेंस दुर्घटना के बाद जल्द पहुंचने चाहिए। गजेंद्र सिंह परमार, सिकंदरा
यमुना एक्सप्रेसवे में कोहरे से निपटने के जो भी इंतजाम नहीं हैं। उन सभी इंतजाम को कराया जाएगा। संरक्षा के ठीक से उपाय करना जरूरी है। इसे लेकर दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। −शैलेंद्र सिंह, मंडलायुक्त
यमुना एक्सप्रेसवे में संरक्षा के जो भी इंतजाम हैं। उन सभी को पूरा कराया जा रहा है। संकेतक बोर्ड लगे हुए हैं। रेडियम की पट्टी को जल्द लगाया जाएगा। तुलसीराम गुर्जर, सीनियर मैनेजर खंदौली टोल प्लाजा यमुना एक्सप्रेसवे |
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