Mehandipur Balaji Temple में दर्शन करने से भूत-प्रेत की बाधाओं मिलती है मुक्ति, पढ़ें इतिहास और रहस्य

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मेहंदीपुर बालाजी महाराज को लगता है लड्डू का भोग  



धर्म डेस्क, नई दिल्ली। देश में हनुमान जी को समर्पित कई मंदिर हैं, जिनका विशेष महत्व है और बजरंगबली के दर्शनों के लिए अधिक संख्या में भक्त पहुंचते हैं। एक ऐसा ही मंदिर राजस्थान के दोसा जिले में है। जो कई रहस्यों और मान्यताओं से भरा हुआ है। ऐसे में आइए जानते हैं मेहंदीपुर बालाजी (Mehandipur Balaji Mandir) से जुड़े रहस्यों के बारे में। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

  
मेहंदीपुर बालाजी का इतिहास (Mehandipur Balaji Temple History)

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर राजस्थान के जिले दौसा में स्थित है। पहले के समय यहां पर घना जंगल हुआ करता था और जंगली जानवर रहा करते थे। यह मंदिर कई खास रहस्यों से भरा हुआ है। मेहंदीपुर बालाजी मंदिर दो पहाड़ों के बीच स्थित है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस मंदिर में विराजमान बालाजी भगवान की प्रतिमा को किसी ने नहीं बनाया है बल्कि प्रतिमा स्वयं प्रकट हुई है।
कैसे हुई उत्पत्ति?

धार्मिक मान्यता के अनुसार, सैकड़ों साल पहले बालाजी महाराज दो पहाड़ियों के बीच एक दैवीय लीला से स्वयं प्रकट हुए थे। प्राकट्य के बाद से ही बालाजी महाराज की पूजा-अर्चना की जा रही है। मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में भूत-प्रेत की बाधाओं से मुक्ति पाने के लिए कीर्तन होता है, जिसमें अधिक संख्या में भक्त शामिल होते हैं।
मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में होती है विशेष पूजा

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर हनुमान जी का बाल रूप में विराजमान हैं, जिनकी रोजाना विशेष पूजा-अर्चना होती है और इस मंदिर में भूत-प्रेत की बाधा से छुटकारा पाने के लिए बालाजी महाराज जी से प्रार्थना की जाती है और भक्तों को नकारात्मक शक्तियों से रक्षा और आशीर्वाद प्राप्त होता है।

  
मेहंदीपुर बालाजी को लगता है खास भोग

मंदिर में बालाजी महाराज जी की सुबह और शाम आरती होती है। इस दौरान बजरंगबली को चोला और लड्डू का भोग अर्पित किया जाता है। इस मंदिर से प्रसाद घर नहीं लाना चाहिए।
इन नियम का जरूर करें पालन

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर के लिए कुछ नियम बनाए गए हैं, जिनका पालन श्रद्धालु को करना पड़ता है। एक बात का खास ध्यान रखें कि मेहंदीपुर बालाजी मंदरी से प्रसाद को घर नहीं लाना चाहिए। इसके अलावा मंदिर से खाने की कोई भी चीज लाने की मनाही है। मंदिर जाने से पहले करीब एक सप्ताह पहले से ही प्याज, लहसुन, मांस और मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए और ब्रह्मचर्य के नियम का पालन करें।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।

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