जॉब ऑफर, APK फाइल से हैकिंग, टास्क के बहाने बना रहे शिकार।
जागरण संवाददाता, रांची। शहर में साइबर अपराध लगातार बढ़ते जा रहे हैं। ताजा मामलों में साइबर ठगों ने नौकरी और ऑनलाइन टास्क का लालच देकर तथा मोबाइल हैकिंग के जरिये कुल 11 लाख 17 हजार रुपये उड़ा लिए।
तीन अलग-अलग पीड़ितों से यह रकम हड़पी गई है। पीड़ितों की शिकायत पर पुलिस ने तीनों मामलों में प्राथमिकी दर्ज कर ली है, लेकिन अभी तक किसी भी आरोपितों को गिरफ्तार नहीं किया जा सका है। लोगों का कहना है कि साइबर ठगी की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, जबकि पुलिस की कार्रवाई केवल मामले दर्ज करने तक सीमित दिख रही है। अपराधियों तक पहुंचने और पीड़ितों का नुकसान वापस दिलाने में प्रभावी पहल नहीं दिख रही है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
ऑनलाइन जाब आफर के नाम पर युवक से 5 लाख सात हजार रुपये की ठगी
ऑनलाइजॉब ऑफर के नाम पर एक युवक से 5 लाख सात हजार रुपये की ठगी का मामला साइबर अपराध थाना में दर्ज किया गया है। पीड़ित मुकुल कुमार प्रसाद को टेलीग्राम पर एक आईडी से संपर्क करने को कहा गया। इसके बाद उन्हें एक अन्य यूजर आईडी के माध्यम से प्रोजेक्ट आधारित कार्य के बारे में जानकारी दी गई।
बताया गया कि 21 प्रोजेक्ट पूरे करने पर भारी बोनस दिया जाएगा जिसे बाद में खाते में ट्रांसफर किया जा सकेगा। पहले चरण में 10 हजार रुपये जमा कराने पर 15 हजार रुपये देकर पीड़ित का विश्वास जीता गया। इसके बाद पीड़ित से धीरे धीरे पांच लाख सात हजार रुपये ले लिया गया। पीड़ित को काफी देर के बाद समझ में आया कि वह ठगी का शिकार हो गया है।
टेलीग्राम के फर्जी क्रिप्टो ट्रेडिंग ग्रुप के जरिए 3.67 लाख रुपये की ठगी
साइबर थाना में फैजुल हक ने फर्जी क्रिप्टो ट्रेडिंग ग्रुप के जरिए 3 लाख 67 हजार रुपये की ऑनलाइन ठगी का मामला दर्ज कराया है। पीड़ित फैजुल हक ने पुलिस को बताया कि उन्हें होटल रेटिंग का टास्क देकर कुछ पैसे लौटाए गए, जिससे उसका विश्वास जीत लिया गया। उसे टेलीग्राम पर एक ग्रुप में जोड़ा गया। इस ग्रुप में कई टास्क दिए गए और हर बार पैसे वापस मिलने पर पीड़ित का भरोसा बढ़ता गया।
इसी यूजर आईडी से पीड़ित को एक लिंक भेजा गया। जिस पर उसका एक अकाउंट बनाया गया। फिर उसे दूसरे टेलीग्राम ग्रुप में भी जोड़ दिया गया। पीड़ित का आरोप है कि उसे अलग-अलग यूपीआइ आइडी दिए जाते थे और वह उन्हीं पर भुगतान करता था। क्रिप्टो ट्रेडिंग के नाम पर लगभग 3 लाख 67 हजार रुपये विभिन्न बैंक खातों और एटीएम डिपॉजिट के जरिए ट्रांसफर करवाए गए। जब उसे अपने साथ धोखाधड़ी का एहसास हुआ, तब उसने पुलिस को पूरी जानकारी दी।
फर्जी लिंक के जरिए मोबाइल हैक कर 2.50 लाख रुपये की निकासी
साइबर थाना में विकु कुमार सेन ने खाते से अवैध रूप से 2 लाख 50 हजार रुपये निकाले जाने का मामला दर्ज कराया है। पीड़ित विकु चुटिया इलाके में रहते हैं। पीड़ित ने पुलिस को बताया कि उनके मोबाइल पर अचानक बैंक खाते से पैसे कटने के संदेश आने लगे।
पीड़ित का कहना है कि उनका बेटा फिरायालाल पब्लिक स्कूल में पढ़ता है और स्कूल द्वारा बनाए गए पंजाबी डांस क्लास नामक व्हाट्सऐप ग्रुप में उन्हें जोड़ा गया था। इसी ग्रुप में एक एपीके नाम से एक फाइल भेजी गई। पीड़ित ने बताया कि जैसे ही उन्होंने इस फाइल को खोला, उनका मोबाइल अचानक बंद हो गया। इसके बाद उनके बैंक खाते से ढाई लाख रुपये की अवैध निकासी हो गई।
साइबर अपराधियों से बचने के उपाए
- अनजान लिंक और ऐप से बचें
- ओटीपी और पिन किसी को न बताएं
- नौकरी या टास्क के आफर पर सतर्क रहें
- मजबूत पासवर्ड और दो-स्तरीय सुरक्षा का इस्तेमाल करें
- बैंकिंग ऐप और मोबाइल अपडेट रखें
- सार्वजनिक वाई-फाई पर वित्तीय लेन-देन न करें
- संदिग्ध काल या मैसेज की तुरंत शिकायत करें
तुरंत संपर्क करें: झारखंड साइबर क्राइम हेल्प डेस्क
ठगी होने के तुरंत बाद जितनी जल्दी हो सके, इन दो तरीकों से शिकायत दर्ज करें ताकि आपके पैसे फ्रीज किए जा सकें:
- राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन: 1930 पर कॉल करें (24x7 उपलब्ध)।
- ऑनलाइन शिकायत पोर्टल: cybercrime.gov.in पर विस्तार से रिपोर्ट दर्ज करें।
- याद रखें: पहले 2-3 घंटे महत्वपूर्ण होते हैं। जितनी जल्दी आप शिकायत करेंगे, पैसे वापस मिलने की संभावना उतनी ही अधिक होगी।
इन तीन मामलों से सीखें: ठगी से बचने के विशिष्ट तरीके
- नौकरी के झांसे: किसी भी \“टास्क\“ या \“प्रोजेक्ट\“ के लिए शुरू में पैसे जमा करने को कहे जाने पर तुरंत सतर्क हो जाएं। कोई भी वैध कंपनी आपसे काम देने के लिए पैसे नहीं मांगती।
- क्रिप्टो ट्रेडिंग: टेलीग्राम, व्हाट्सएप या अनजान लिंक के माध्यम से आने वाली क्रिप्टो निवेश की सलाह को पूरी तरह से अनदेखा करें। भारत में केवल पंजीकृत/विनियमित प्लेटफॉर्म पर ही निवेश करें।
- मोबाइल हैकिंग (APK): व्हाट्सएप या एसएमएस पर भेजे गए .apk या अन्य संदिग्ध फ़ाइलों को कभी भी न खोलें। इससे आपका पूरा मोबाइल हैक हो सकता है और बैंक खाते से निकासी हो सकती है।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
बढ़ते डिजिटल इस्तेमाल के कारण सतर्क रहना अब पहले से ज्यादा जरूरी हो गया है। साइबर अपराधी तकनीक बदलते रहते हैं, इसलिए उपयोगकर्ताओं को भी अपनी डिजिटल आदतों को अपडेट करना चाहिए। लोग सबसे पहले अपने मोबाइल और बैंकिंग ऐप की सुरक्षा मजबूत करें। मजबूत पासवर्ड, टू-फैक्टर आथेंटिकेशन और नियमित अपडेट को नजरअंदाज न करें। इसके साथ ही अनजान लिंक पर तुरंत भरोसा न करें। अधिकतर ठगी लोगों की जल्दबाजी या लालच का फायदा उठाकर की जाती है। किसी भी काल, मैसेज पर तुरंत प्रतिक्रिया न दें और पहले उसकी सत्यता जांचें।
-अरविंद कुमार सिन्हा, रिटायर्ड डीएसपी |