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आतंकियों को चार्जर और दिखाया था रास्ता, पहलगाम हमले के गुनहगारों से चार बार मिला था यूसुफ कटारी; किए कई खुलासे

deltin33 2025-10-6 02:06:43 views 1234

  पहलगाम हमले में शामिल आतंकियों से चार बार मिला था कटारी। फाइल फोटो





राज्य ब्यूरो, जम्मू। पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए हमले में शामिल तीन आतंकियों से हिरासत में लिए गए ओवर ग्राउंड वर्कर मोहम्मद युसूफ कटारी ने चार बार मुलाकात की थी। उसने उन्हें एक एंड्राइड फोन चार्जर भी दिया था। यही चार्जर उसे हिरासत में लेने के लिए एक अहम सबूत बना। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

26 वर्षीय कटारी को सितंबर के आखिरी सप्ताह में हिरासत में लिया गया था। उसे सुलेमान उर्फ आसिफ, जिबरान और हमजा अफगानी को महत्वपूर्ण रसद सहायता प्रदान करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। ये तीन आतंकवादी हैं जिन्होंने पहलगाम में 26 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इनमें अधिकांश पर्यटक थे।


कई दिनों बाद हुई थी गिरफ्तारी

अधिकारियों ने बताया कि कटारी ने पूछताछ के दौरान पुलिस को बताया कि वह श्रीनगर शहर के बाहर ज़बरवान पहाड़ियों में चार मौकों पर इन तीनों से मिला था। कई सप्ताह की जांच के बाद उसकी गिरफ़्तारी हुई।

यह सफलता जुलाई में शुरू किए गए आतंकवाद रोधी अभियान ऑपरेशन महादेव के स्थल से बरामद सामग्री के फोरेंसिक विश्लेषण के बाद मिली। इस ऑपरेशन के बाद पहलगाम नरसंहार में शामिल तीन आतंकवादी मारे गए थे। यह अभियान श्रीनगर के बाहरी इलाके में जबरवान रेंज की तलहटी में चलाया गया था।



पुलिस ने ऑपरेशन के दौरान बरामद कई वस्तुओं में से एक आंशिक रूप से नष्ट हो चुके एंड्राइड मोबाइल फोन चार्जर की जाच के बाद कटारी तक पहुंचने का प्रयास किया। श्रीनगर पुलिस ने चार्जर के असली मालिक का पता लगाया जिसने फोन को एक डीलर को बेचने की पुष्टि की। यही जानकारी पुलिस को धीरे-धीरे कटारी तक ले गई।
आतंकियों को रास्ता दिखाने में मदद की थी

अधिकारियों ने बताया कि कटारी जो कथित तौर पर ऊंचे इलाकों में खानाबदोश छात्रों को पढ़ाता था, आतंकी समूह का एक प्रमुख स्रोत था। माना जाता है कि उसने चार्जर मुहैया कराने और हमलावरों को दुर्गम इलाकों में रास्ता दिखाने में मदद की थी।



आतंकवादी सुलेमान उर्फ आसिफ पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड, जिबरान अक्टूबर 2024 के सोनमर्ग सुरंग हमले से जुड़ा था और हमजा अफगानी, तीनों 29 जुलाई को ऑपरेशन महादेव के तहत एक मुठभेड़ में मारे गए।
घाटी में आतंकवादी नेटवर्क ध्वस्त

हालांकि अधिकारियों ने चल रही जांच का हवाला देते हुए और जानकारी देने से इनकार कर दिया लेकिन इस गिरफ्तारी को कश्मीर घाटी में सक्रिय आतंकी नेटवर्क को ध्वस्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।



उन्होंने संकेत दिया कि यह मामला राष्ट्रीय जांच एजेंसी को सौंपा जा सकता है। एजेंसी पहले से ही पहलगाम हमले की साजिश की जांच कर रही है।

एजेंसी ने 22 अप्रैल के आतंकी हमले के सिलसिले में अब तक दो लोगों को गिरफ्तार किया है जिन पर आतंकवादियों को कथित तौर पर रसद सहायता और आश्रय प्रदान करने का आरोप है।
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