कांग्रेस ने पांच पुराने चेहरों को छोड़ बाकी सभी जिलाध्यक्षों काे बदल दिया  
 
  
 
  
 
राज्य ब्यूरो,रांची। झारखंड में कांग्रेस ने 20 जिलों में नए जिला अध्यक्षों की घोषणा कर दी है जबकि पांच जिलों में पुराने लोग ही जिलों में संगठन का नेतृत्व करेंगे। पार्टी के केंद्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल ने इससे संबंधित पत्र भी जारी कर दिया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
पार्टी ने दो विधायकों समेत पूर्व विधायक को भी जिलाध्यक्ष बनाकर स्पष्ट संकेत दिया है कि आने वाले दिनों में संगठन को और भी सुदृढ़ करने के लिए मजबूत हाथों में पार्टी की बागडोर दी जाएगी। विधायकों में ममता देवी और भूषण बाड़ा को क्रमश: रामगढ़ एवं सिमडेगा का जिलाध्यक्ष बनाया गया है।  
 
  
 
पूर्व विधायकों के बीच से जयप्रकाश भाई पटेल को हजारीबाग की जिम्मेदारी दी गई है। शीघ्र ही प्रदेश कांग्रेस की नई कमेटी की घोषणा होने की भी उम्मीद की जा रही है। छठ के बाद नई कमेटी काम करने लगेगी।  
कांग्रेस जिलाध्यक्षों की सूची  
  
 - बोकारो - जवाहर लाल महथा 
 
  - चतरा - चंद्रदेव गोप 
 
  - देवघर - मुकुन्द दास 
 
  - धनबाद - संतोष कुमार सिंह 
 
  - दुमका - स्टीफन मरांडी 
 
  - पूर्वी सिंहभूम - परविंदर सिंह 
 
  - गढ़वा - ओबैदुल्लाह हक अंसारी 
 
  - गिरिडीह - सतीश केडिया 
 
  - गोड्डा - मो. यहया सिद्दीकी 
 
  - गुमला - राजनील तिग्गा 
 
  - हजारीबाग - जेपी पटेल 
 
  - जामताड़ा - दीपिका बेसरा 
 
  - खूंटी - रवि मिश्रा 
 
  - कोडरमा - प्रकाश राजक 
 
  - लातेहार - कामेश्वर यादव 
 
  - लोहरदगा - सुखैर भगत 
 
  - पाकुड़ - श्रीकुमार सरकार 
 
  - पलामू - बिमला कुमारी 
 
  - रामगढ़ - ममता देवी 
 
  - रांची महानगर - कुमार राजा 
 
  - रांची ग्रामीण - सोमनाथ मुंडा 
 
  - साहिबगंज - बरकतउल्लाह खान 
 
  - सरायकेला-खरसावां - राज बागची 
 
  - सिमडेगा - भूषण बाड़ा 
 
  - पश्चिमी सिंहभूम - रंजन बोयपाय 
 
    
कई जिलों में नए लोगों को भी बनाया जिलाध्यक्ष  
 
कांग्रेस की नई टीम में संगठन सृजन के संकल्प का बंटाधार होता दिख रहा है। प्रदेश कांग्रेस प्रभारी के.राजू ने बड़ी-बड़ी बातें जरूर की थी और कुछ जिलों में ऐसा लग भी रहा है कि नए लोगों को मौका मिला है लेकिन कई जिलों में पुराने और जाने-पहचाने लोगों को ही जिलाध्यक्ष बनाया गया है।  
 
  
 
पहले पार्टी की ओर से दावा किया गया था कि समर्पित और कट्टर कांग्रेसी नेताओं को जिलाध्यक्ष बनने का मौका मिलेगा। हालांकि नई सूची कई मामलों में ऐसे दावों का खंडन करती है। सूची में स्पष्ट तौर पर बड़े नेताओं, मंत्रियों की पसंद का ख्याल रखा गया है। पूर्व प्रदेश अध्यक्षों राजेश ठाकुर, सुखदेव भगत और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय, पूर्व सांसद धीरज प्रसाद साहू के साथ-साथ विधायक दल के उपनेता राजेश कच्छप तक की पसंद का ख्याल रखा गया है।  
 
  
कांग्रेस की सदस्यता को लेकर सवाल  
 
चतरा और लातेहार के जिलाध्यक्ष के कांग्रेस की सदस्यता को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। प्रदेश सरकार में मंत्रियों डा. इरफान अंसारी और राधाकृष्ण किशोर का भी प्रभाव दिख रहा है। हालांकि राधाकृष्ण किशोर अपने पुत्र को जिलाध्यक्ष नहीं बनवा सके।  
 
यही हाल केएन त्रिपाठी का रहा जो अपने भाई को जिलाध्यक्ष बनाने के लिए प्रयासरत थे। जामताड़ा में दीपिका बेसरा को मंत्री इरफान अंसारी की पसंद पर दोबारा जिलाध्यक्ष बनाया गया है। धनबाद के जिलाध्यक्ष संतोष कुमार सिंह के लिए अनूप सिंह पैरवी कर रहे थे तो देवघर में मुकुंद दास को प्रदीप यादव की पसंद पर जिलाध्यक्ष का ताज मिला है।  
 
  
 
अभी कुछ महीने पूर्व ही उन्होंने कांग्रेस का दामन थामा था। कांग्रेस सूत्रों की माने तो कोडरमा में भी हाल में ही माले से नाता तोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए प्रकाश रजक को जिलाध्यक्ष बनाया गया है। रांची ग्रामीण के जिलाध्यक्ष सोमनाथ मुंडा विधायक सुरेश बैठा और राजेश कच्छप के करीबी बताए जाते हैं।  
 
गुमला के जिलाध्यक्ष सुखदेव भगत के सांसद प्रतिनिधि रह चुके हैं। साहेबगंज में पूर्व मंत्री आलमगीर आलम की पसंद का ख्याल रखा गया है। सरायकेला खरसावां में राज बागची को जिलाध्यक्ष बनाया गया है उन्हें कांग्रेस में शामिल हुए एक साल भी नहीं हुआ है। इनकी पैरवी सुबोधकांत सहाय कर रहे थे। |