हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी। फाइल फोटो
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बजट घोषणाओं को सिरे चढ़ाने की मुहिम तेज कर दी है। वित्त मंत्री के नाते फरवरी-मार्च में अपनी सरकार का दूसरा बजट पेश करने की तैयारियों में जुटे मुख्यमंत्री चालू वित्त वर्ष के बजट और इसमें की गई घोषणाओं का भी पोस्टमार्टम कर रहे हैं। विभागवार रिपोर्ट कार्ड तैयार किया जा रहा है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
मुख्यमंत्री जहां खुद विभागवार बैठकें ले रहे हैं, वहीं मंत्रियों और विधायकों को भी विभिन्न विभागों से जुड़ी घोषणाओं की स्टेटस रिपोर्ट को लेकर अधिकारियों से जवाबतलबी करने को कहा जा चुका है। इसी कड़ी में पिछले दिनों चंडीगढ़ स्थित मुख्यमंत्री आवास संत कबीर कुटीर में बड़ी ‘क्लास’ लगी। खुले लान में ही विभागवार राउंड टेबल लगाई गई थी।
इन टेबलों पर संबंधित विभागों के प्रशासनिक सचिवों व विभागाध्यक्षों के अलावा संबंधित अधिकारी व ‘बाबू’ मौजूद रहे। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन, गृह विभाग, पीडब्ल्यूडी (भवन एवं सड़कें), स्वास्थ्य अभियांत्रिकी, सिंचाई, स्वास्थ्य, स्कूल शिक्षा विभाग, विकास एवं पंचायत तथा शहरी स्थानीय निकाय विभाग के अलावा मुख्यमंत्री की घोषणाओं से जुड़े अधिकारियों के साथ सीएमओ के अधिकारी भी बैठक में शामिल थे।
मुख्यमंत्री ने तय कर दिया है कि हर मंगलवार को मंत्रियों के साथ अनौपचारिक बैठक के अलावा विधायकों के साथ भी वे रुटीन में मिलेंगे। इस दौरान अधिकारी भी मौजूद रहेंगे ताकि उनके हलकों से जुड़ी समस्याओं, विकास कार्यों व बजट घोषणाओं को जल्द सिरे चढ़ाया जा सके।
बताते हैं कि इस कड़ी में हुई पहली बैठक में सबसे दयनीय स्थिति विकास एवं पंचायत तथा शहरी स्थानीय निकाय विभाग की रही। सूत्रों का कहना है कि मीटिंग के बाद मुख्यमंत्री ने दोनों ही विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक करके नाराजगी भी जताई।
अधिकतर विधायकों की इन दोनों विधायकों के खिलाफ शिकायतें व नाराजगी साफ देखने को मिली। कई विधायकों ने एचआरडीएफ फंड में हो रही देरी का मुद्दा उठाया। अधिकारियों के पास इसका कोई संतोषजनक जवाब नहीं था।
कैबिनेट मंत्री कृष्ण बेदी ने मीटिंग में सीएमओ के एक अधिकारी से ही सीधा सवाल पूछते हुए कहा कि मनोहर लाल के समय में एचआरडीएफ का फंड जिलों में पंद्रह दिनों के भीतर पहुंच जाता था। अब छह-छह महीने क्यों लग रहे हैं।
आमतौर पर अतिरिक्त मुख्य सचिव रैंक के अधिकारी एचओडी और विभागों के संबंधित अधिकारियों व ‘बाबू’ लोगों के साथ बैठक में खुद को असहज महसूस करते हैं। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने ग्राउंड रियल्टी और विधायकों द्वारा की जा रही शिकायतों पर कड़ा नोटिस लेते हुए ऐसी व्यवस्था कर दी कि उन्हें न चाहते हुए भी इन बैठकों का पार्ट बनना पड़ा।
दो विभागों विकास एवं पंचायत तथा शहरी स्थानीय निकाय विभाग के अधिकारियों के पास बजट घोषणाओं को लेकर कोई संतोषजनक जवाब नहीं था। सीएमओ के अधिकारियों के प्रति भी विधायकों की नाराजगी इस बैठक में झलकी।
शीतकालीन सत्र पर कल कैबिनेट बैठक में लगेगी मुहर
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में कल सोमवार को कैबिनेट की मीटिंग होगी। इसमें विधानसभा के शीतकालीन सत्र को लेकर चर्चा होगी। सत्र 26 दिसंबर के आसपास बुलाए जाने की संभावना है। यह सत्र तीन दिन का हो सकता है। इसके बाद फरवरी-मार्च में बजट सत्र आएगा।
जनसंवाद पोर्टल अपडेट नहीं
समाधान शिविरों में आई समस्याओं के बाद जनसंवाद पोर्टल बनाया गया था। बाद में इसी पोर्टल पर विधायकों के हलकों से जुड़ी समस्याओं व मांगों को भी अपलोड करने का निर्णय लिया गया। बैठक में कई विधायकों ने जनसंवाद पोर्टल में छह महीनों से भी अधिक समय से लंबित शिकायतों का मुद्दा उठाया।
यह बात भी सामने आई कि पोर्टल को जुलाई-अगस्त के बाद से अपडेट ही नहीं किया गया है। सीएम ने इस पर भी कड़ा संज्ञान लिया है। |
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