इंडिगो एयरलाइंस की कहानी। फोटो - जेएनएन
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 2 अक्टूबर 2025...नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिट (FDTL) में कुछ बदलाव किए और इंडिगो ने एक साथ कई फ्लाइट्स रद कर दीं। यह सिलसिला कई दिन से चल रहा है। इंडिगो एयरलाइंस अब तक हजारों फ्लाइट रद कर चुकी है, जिससे एयरपोर्ट पर अफरा-तफरी मच गई है और इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह इंडिगो का मार्केट शेयर है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
भारतीय एविएशन बाजार के 60 प्रतिशत से अधिक हिस्से पर इंडिगो का कब्जा है, यानी हर दिन अगर 10 लोग हवाई यात्रा करते हैं, तो उनमें से 6 लोग इंडिगो के प्लेन में बैठते हैं। इंडिगो के विमान प्रतिदिन दुनियाभर में 2000 से ज्यादा बार उड़ाने भरते हैं। यही वजह है कि इंडिगो के द्वारा कुछ फ्लाइट रद करने से ही पूरे देश की एविएशन मार्केट हिल गई है।
फोटो - रायटर्स
2 दोस्तों ने रखी नींव
इंडिगो की स्थापना दो दोस्तों - राहुल भाटिया और राकेश गंगवाल ने मिलकर की थी। 2005 में इंडिगो की नींव रखी गई और कुछ ही समय में इस एयरलाइन ने भारत के आसमान पर कब्जा कर लिया।
राकेश और राहुल ने जब इंडिगो की शुरुआत की, तो उनके पास सिर्फ 1 ही प्लेन था। साथ ही यह एक ऐसा दौर था, जब भारतीय एविएशन बाजार पर जेट एयरवेज का राज था। एयर इंडिया जैसी सरकारी कंपनियां भी रेस में थीं, तो विजय माल्या ने किंगफिशर एयरलाइन लॉन्च करके उड़ता हुआ 5 स्टार होटल बना दिया था। इतने कॉम्प्टीशन के बावजूद इंडिगो ने शून्य से शिखर तक का सफर तय किया और कुछ ही सालों में इसे “किंग ऑफ एयरलाइंस“ कहा जाने लगा।
क्यों पड़ा \“इंडिगो\“ नाम?
इंडिगो का इतिहास जानने से पहले इसके नाम की कहानी जानना जरूरी है। राकेश गंगवाल और राहुल भाटिया ने \“India on the Go\“ के आधार पर एयरलाइंस का नाम IndiGo रखा था।
किराए के प्लेन से हुई इंडिगो की शुरुआत
दुनिया में विमान बनाने वाली दो ही कंपनियों का दबदबा था- बोइंग और एयरबस। जहां सारी भारतीय एयरलाइंस के पास बोइंग के विमान थे, तो इंडिगो ने एयरबस से 100 प्लेन खरीदने का एलान कर दिया। एयरबस के लिए यह भारतीय मार्केट में एंट्री करने का शानदार मौका था। लिहाजा एयरबस ने 40-50 प्रतिशत के डिस्काउंट पर इंडिगो के प्लेन बनाए।
राहुल और राकेश ने 100 एयरबस A320 विमानों को आधे दाम में खरीदा और फिर मुनाफे के साथ सभी प्लेन को बेच दिया। इससे इंडिगो को 200 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ। अब इन्हीं पैसों से इंडिगो ने सभी विमानों को लीज पर ले लिया और कई बड़े शहरों में ऑपरेट करना शुरू किया।
फोटो - पीटीआई
कैसे कामयाबी के शिखर पर पहुंची IndiGo?
सस्ते दाम पर हवाई यात्रा की परिकल्पना को साकार करके इंडिगो ने भारत के मिडिल क्लास लोगों में अपनी पहुंच बनाई। एयरलाइंस में महंगी सुविधाओं की जगह किफायती और भरोसेमंद सेवा पर जोर दिया। \“लो कॉस्ट\“ के कारण यह कई भारतीयों की फेवरेट एयरलाइन बन गई।
इंडिगो का विस्तार
- 2011 में इंडिगो ने 180 एयरबस A320 प्लेन का ऑर्डर दिया।
- 2012 में इंडिगो ने 50 करोड़ पैसेंजर्स के साथ उड़ान भरी, जिसके साथ ही यह देश की सबसे बड़ी एयरलाइन बन गई।
- 2015 में इंडिगो ने फिर से 100 विमानों का ऑर्डर दिया।
- 2019 में इंडिगो ने 250 नए विमानों का ऑर्डर दिया।
- 2020 में कोविड के दौरान जहां सभी एयरलाइंस ठप पड़ गईं, तो इंडिगो ने कार्गो सर्विस लॉन्च कर दी।
- 2023 में इंडिगो ने 500 नए विमानों का ऑर्डर देकर सभी को चौंका दिया। यह एविएशन इंडस्ट्री में अब तक का सबसे बड़ा ऑर्डर है।
- 2023 में इंडिगो ने नया कीर्तिमान रचते हुए 10 करोड़ लोगों को सेवा प्रदान की।
\“किंग ऑफ एयरलाइंस\“
अगस्त 2025 तक भारतीय उड्डयन बाजार में इंडिगो की हिस्सेदारी 64.2 प्रतिशत थी। इंडिगो भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन होने के साथ-साथ एशिया की दूसरी सबसे बड़ी एयरलाइन कंपनी बन चुकी है। हर दिन हजारों की संख्या में लोग इंडिगो के विमानों से सफर करते हैं। 2025 तक इंडिगो 34 घरेलू और 43 अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट्स के साथ हर रोज 2,700 उड़ाने भरती है।
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