डीएफओ ने की पर्यटकों के बेहतर आतिथ्य सत्कार के लिए पहल। आर्काइव
जागरण संवाददाता, रामनगर। होटलों की तरह अब वन विभाग भी पर्यटकों के नाइट स्टे के लिए बनाए गए अपने कक्षों के संचालन के लिए मैनेजर रखेगा। इसके लिए वन विभाग की ओर से कवायद की जा रही है। एक मुख्य व एक सहायक मैनेजर की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
तराई पश्चिमी वन प्रभाग के अंतर्गत फाटो पर्यटन जोन में नाइट स्टे के लिए ट्री हाउस, मिटटी के हाउस, विभागीय समेत कुल 14 कक्ष बनाए गए हैं। यहां पर्यटकों के आवभगत के लिए वन विभाग ने अभी दैनिक श्रमिकों रखा है। फाटो में बने कक्षों में ठहरने के दौरान पर्यटकों को कई बार असुविधा होती है तो वह वनाधिकारियों व वनकर्मियों को कहते हैं। ऐसे में वन विभाग के कर्मियों का जंगल आदि में गश्त व विभागीय कामकाज भी प्रभावित हो जाते हैं। इसके अलावा दैनिक श्रमिक होने की वजह से पर्यटकों की उतनी आवभगत नहीं हो पाती है। जबकि पर्यटक पैसा विभाग को देता है।
ऐसे में डीएफओ प्रकाश चंद्र आर्या ने नई पहल करते हुए पर्यटकों को बेहतर आतिथ्य सत्कार देने के लिए एक हाउस कीपिंग पर्यवेक्षक व एक सहायक हाउस कीपिंग पर्यवेक्षक रखने का निर्देश दिया है। जिसके बाद हाउस कीपिंग पर्यवेक्षक व एक सहायक हाउस कीपिंग पर्यवेक्षक रखने के लिए कार्रवाई तेज हो गई है। हाउस कीपिंग पर्यवेक्षक के लिए तीन वर्ष व सहायक हाउस कीपिंग पर्यवेक्षक के लिए एक वर्ष का अनुभव होना चाहिए। होटल मैनेजमेंट में डिप्लोमा होना आवश्यक है।
फाटो रेंजर कृपाल बिष्ट ने बताया कि वन विभाग होटल मैनेजर की तरह हाउस कीपिंग पर्यवेक्षक व सहायक पर्यवेक्षक को नियुक्त करेगा। यह दोनों ही वन विश्राम गृह में रखे गए नीचे के स्टाफ के काम की देखरेख करेंगे। पर्यटक अपनी परेशान भी इन्हें बता सकेंगे।
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