राज्य ब्यूरो, लखनऊ। भगोड़े आर्थिक अपराधी एक्ट (एफईओए) के तहत विशेष अदालत ने शाइन सिटी के प्रमोटर राशिद नसीम की 128 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त करने के आदेश दिए हैं। राशिद को अदालत ने पिछली अप्रैल में भगोड़ा घोषित किया था। पीटीआइ की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2018 के भगोड़े आर्थिक अपराधी एक्ट के तहत उत्तर प्रदेश में यह पहली कार्रवाई की गई है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
राशिद पर शाइन सिटी कंपनी के माध्यम से हजारों निवेशकों को धोखा देने और मोटी राशि हड़पने का आरोप है।ईडी के अधिकारियों के अनुसार राशिद और शाइन सिटी की 127.98 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्ति एंटी-मनी लांड्रिंग कानून के तहत जब्त की गई थी। अब विशेष अदालत द्वारा इस मामले में संपत्ति जब्ती के आदेश के बाद राशिद किसी और अदालत में इस संपत्ति को लेकर कोई दावा नहीं कर सकेगा। जब्त की गई संपत्ति को बेच कर निवेशकों की रकम लौटाने का रास्ता आसान हो जाएगा।
6500 पीड़ितों ने किया रकम हड़पने का दावा
ईडी के पास 6500 पीड़ितों ने शाइन सिटी के प्रमोटरों पर उनके रकम हड़पने का दावा किया है। शाइन सिटी समूह ने उच्चतम न्यायालय में स्पेशल लीव पिटीशन (एएलपी) दायर कर पीड़ितों को मुआवजा देने के मामले को चुनौती दी है। एफईओए के तहत उन भगोड़े आर्थिक अपराधियों पर कार्रवाई की जाती है जिन्होंने कम से कम 100 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की है और कानून से बचने के लिए भारत छोड़ गए हैं।
ईडी ने इस मामले की जांच शाइन सिटी समूह और उसके प्रमोटरों के विरुद्ध दर्ज 554 एफआइआर पर संज्ञान लेने के बाद शुरू की थी। शाइन सिटी के प्रमोटरों ने निवेशकों को ज्यादा रिटर्न के वादे के साथ धोखाधड़ी वाली रियल एस्टेट स्कीम और मल्टी-लेवल मार्केटिंग के जरिये 800-1000 करोड़ रुपये का निवेश एकत्र किया था। राशिद जांच से बचता रहा और समन जारी होने के बावजूद पेश नहीं हुआ।
बाद में वह नेपाल के रास्ते भारत से फरार हो गया।ईडी ने नसीम द्वारा की जा रही जूम बैठकों का डिजिटल सबूत एकत्र किया तो पता चला कि राशिद यूएई में छिपा है। जूम प्लेटफार्म और टेक्निकल रिपोर्ट की मदद से की गई जांच में जूम बैठकों के लिए इस्तेमाल किए गए आइपी (इंटरनेट प्रोटोकाल) एड्रेस यूएई के निकले हैं। इनका जियो लोकेशन भी यूएई का ही निकला। |