इंडिगो ने फिर 550 से ज्यादा उड़ानें की रद (फाइल फोटो)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारत के उड्डयन इतिहास में चार दिसंबर, 2025 का दिन एक गंभीर संकट के रूप में याद किया जाएगा। देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो ने गुरुवार को 550 से अधिक उड़ानों को रद कर दिया, जिससे हजारों यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
दिल्ली से लेकर हैदराबाद और मुंबई से लेकर बेंगलुरु तक के हवाईअड्डों पर यात्री हलकान रहे। दिल्ली में 138, मुंबई में 85, हैदराबाद में 70 और बेंगलुरु में 50 से अधिक उड़ानें रद हुईं। जिन उड़ानों का संचालन हुआ भी तो उनमें भी घंटों का विलंब देखा गया। यही नहीं, कई यात्रियों को 10- 10 घंटे केवल लगेज के लिए ही इंतजार करना पड़ रहा है।
DGCA ने की बैठक
पिछले तीन दिनों से इंडिगो की उड़ानों में रद्दीकरण और लेटलतीफी की समस्या बढ़ती जा रही थी, जो गुरुवार को चरम पर पहुंच गई। इससे भी ज्यादा चिंता की बात यह है कि अभी समस्या का समाधान निकलता नहीं दिख रहा।विमानन नियामक नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) के साथ मौजूदा स्थिति पर इंडिगो के अधिकारियों की बैठक दोपहर में हुई, लेकिन देर शाम तक कंपनी या सरकार की ओर से कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई।
इंडिगो ने इस समस्या के लिए डीजीसीए द्वारा लागू किए गए नए प्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिट (एफडीटीएल) को जिम्मेदार ठहराया है। इसके तहत पायलट और केबिन क्रू के लिए उड़ान के घंटे, ड्यूटी टाइम और आराम के समय पर सख्त पाबंदियां लगाई गई हैं। पायलटों की अधिकतम ड्यूटी 13 घंटे से घटाकर 10-11 घंटे कर दी गई है, साथ ही लगातार ड्यूटी के बाद अनिवार्य विश्राम अवधि बढ़ा दी गई है।
रात की उड़ानों पर भी सख्त पाबंदियां लगाई गई हैं। सरकार का कहना है कि ये नियम हवाई यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए बनाए गए हैं और अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप हैं। थकान को विमान दुर्घटनाओं का एक बड़ा कारण माना जाता है और पायलटों को अधिक आराम देकर दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है। ये नियम विश्वभर की विमानन नियामक एजेंसियों द्वारा मिलकर बनाए गए हैं।
रद होने के पीछे क्या है असली कारण?
हालांकि, यह समस्या केवल नए नियमों की वजह से नहीं है। ये नियम तो दो वर्ष से अधिक पुराने हैं और इंडिगो को इनका पालन करने के लिए पर्याप्त समय दिया गया था। समस्या की जड़ यह है कि इंडिगो ने भारी मुनाफा कमाने के बावजूद समय पर क्रू और पायलटों की भर्ती नहीं की।
अब कंपनी रद उड़ानों के पीछे आधिकारिक कारण यह बता रही है कि विमान चालक अचानक अनुपलब्ध हैं। कई विशेषज्ञों का मानना है कि वास्तव में सरकार पर दबाव बनाने के लिए इंडिगो इस तरह की अस्थिरता पैदा कर रही है। डीजीसीए के रुख से यह स्पष्ट है कि वह नियमों को ढीला करने के लिए तैयार नहीं है। पायलट यूनियनों का आरोप है कि इंडिगो ने इस दौरान पायलटों और केबिन क्रू की भर्ती पर पूरी तरह रोक लगा दी थी।
नतीजतन, नए नियम लागू होते ही सैकड़ों क्रू मेंबर्स की कमी हो गई। फेडरेशन आफ इंडियन पायलट्स (एफआइपी) और एयरलाइन पायलट्स एसोसिएशन आफ इंडिया (एएलपीए) ने स्पष्ट किया है कि इंडिगो ने जानबूझकर तैयारी नहीं की, ताकि बाद में डीजीसीए पर नए नियमों को ढीला करने का दबाव बनाया जा सके। दोनों यूनियनों ने नियामक से मांग की है कि जब तक एयरलाइंस के पास पर्याप्त स्टाफ न हो, उनके विंटर शेड्यूल को मंजूरी न दी जाए।
इंडिगो CEO ने क्या कहा?
इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने कहा, “हम प्रतिदिन लगभग 3.80 लाख यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाते हैं, हम चाहते हैं कि प्रत्येक को अच्छा अनुभव मिले। मगर, हम अभी हम उस वादे पर खरे नहीं उतर सके और इसके लिए हमने सार्वजनिक रूप से माफी मांगी है। नए फ्लाइट रोस्टर नियम, बढ़ी भीड़, छोटी-मोटी तकनीकी खराबी, मौसम समेत कई कारण है जिससे आपेरशन में दिक्कत आ रही है। संचालन को सामान्य करना और समयबद्धता को वापस लाना आसान लक्ष्य नहीं है, मगर हम इस दिशा में काम कर रहे हैं।“ |