हरियाणा में 10 साल के दौरान पांच गुना बढ़ गई टोल वसूली।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में दूसरे राज्यों की अपेक्षा वाहन चालकों से अधिक टोल वसूली हो रही है। पिछले साल के मुकाबले इस साल अक्टूबर तक गुजरात में टोल वसूली 1928.57 करोड़ रुपये कम हुई है, जबकि हरियाणा में इस अवधि में 368.57 करोड़ रुपये अधिक टोल वसूली हुई है। संसद में दिए आंकड़ों के मुताबिक हरियाणा में टोल वसूली 2014-15 में 461.88 करोड़ से बढ़कर 2025–26 में 2,324.95 करोड़ यानी पांच गुना बढ़ गई है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
रोहतक के कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा के सवाल के जवाब में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा में यह जानकारी दी। दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि हरियाणा से तीन गुना बड़े प्रदेश गुजरात से ज्यादा टोल यहां वसूला जा रहा है। टोल वसूली के नाम पर हरियाणा की जनता की जेब खाली हो रही है।
गुजरात में 62 टोल हैं, जबकि हरियाणा में 75 टोल के माध्यम से वसूली हो रही है। हरियाणा में टोल वसूली ज्यादा और बजट आवंटन कम है। केंद्र सरकार ने 3500 करोड़ के खेल बजट में से केवल 80 करोड़ ही हरियाणा को दिया है, जबकि गुजरात को 600 करोड़ का खेल बजट दिया। है।
केंद्रीय मंत्री द्वारा दिए गए जवाब के आधार पर दीपेंद्र हुड्डा ने बताया कि हरियाणा में प्रति व्यक्ति सबसे ज्यादा 917.1 रुपये की टोल वसूली हो रही है, जो देश में सबसे ज्यादा है। इसके अलावा हरियाणा में प्रति वर्ष प्रति किलोमीटर टोल वसूली 0.69 करोड़ रुपये है जो देश में सबसे ज्यादा है। राष्ट्रीय राजमार्ग पर दो टोल प्लाजा के बीच न्यूनतम दूरी 60 किलोमीटर होनी चाहिए, जो कि राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क (दरों और संग्रहण का
निर्धारण) नियम 2008 के अनुसार निर्धारित है। लेकिन हरियाणा में दो टोल के बीच की दूरी देश में सबसे कम 45 किलोमीटर है। दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि केंद्र सरकार लगातार ऐसे अनुबंधों को बढ़ावा दे रही है, जिनमें टोल की अवधि को मनमाने तरीके से बढ़ाया जाता है। नतीजतन हरियाणा, दिल्ली-एनसीआर के लाखों यात्रियों पर भारी आर्थिक बोझ पड़ रहा है। |