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हापुड़ में साइबर ठग गिरोह का भंडाफोड़, फर्जी पहचान पत्र समेत दो आरोपी गिरफ्तार

Chikheang 2025-12-4 20:07:27 views 224

  



जागरण संवाददाता, हापुड़। हापुड़ जिले में साइबर क्राइम सेल ने एक बड़े साइबर ठग गिरोह का पर्दाफाश किया है। साइबर ठगी के रुपये अपने बैंक खातों में डलवाने वाले दो आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों से फर्जी आधार कार्ड, पेन कार्ड, वोटर आईडी और मोबाइल फोन बरामद किए हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

गिरोह के सदस्य टेलीग्राम ग्रुप के जरिए भोले-भाले लोगों को ट्रेडिंग, क्रिप्टोकरेंसी, इंवेस्टमेंट और ऑनलाइन गेमिंग के नाम पर ठगते थे। आरोपियों से छह अन्य सदस्यों के बारे में पुलिस को जानकारी मिली है। जिसके आधार पर आठ नामजद आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है। पुलिस फरार आरोपियों की तलाश कर रही है।

कोतवाली प्रभारी निरीक्षक देवेंद्र सिंह बिष्ट ने बताया कि उपनिरीक्षक प्रबल कुमार पंकज के साथ शिकायती पोर्टल से प्राप्त जानकारी के आधार पर दो संदिग्ध बैंक खातों की जांच कर रहे थे। इन खातों में साइबर ठगी के रुपये ट्रांसफर किए जाने की शिकायतें मिली थीं।

वहीं, जांच के दौरान मिले इनपुट के आधार पर उन्होंने उपनिरीक्षक व पुलिस टीम के साथ गांव दस्तोई मार्ग से गांव दस्तोई के विक्रांत पंघाल व शिवा चौधरी को दबोच लिया। तलाशी के दौरान आरोपियों से दो मोबाइल फोन, फर्जी आधार कार्ड, पेन कार्ड, वोटर आईडी कार्ड बरामद हुआ। छानबीन के दौरान आरोपियों के मोबाइल फोन में बिनेंस, काइन स्विच, बाय बिट जैसे क्रिप्टो वालेट एप मिले।

पूछताछ में विक्रांत ने बताया कि वह और उसके साथी शिवा चौधरी और जिला बुलंदशहर के खंगावली का आकाश मलिक मिलकर काम करते थे। वह टेलीग्राम ग्रुपों में जुड़कर नए बैंक खाते में रुपये मांगते थे। यह रुपये साइबर ठगी से जुड़े आरोपी ट्रांसफर कराते थे। कमीशन लेकर वह रुपये गिरोह के सरगना द्वारा बताए गए बैंक खातों में ट्रांसफर कर देते थे।

गिरोह का सरगना व अन्य सदस्य ट्रेडिंग, इंवेस्टमेंट, क्रिप्टो और ऑनलाइन गेमिंग के नाम पर लोगों से ठगी करते थे। शिवा इस काम में युवकों को रुपयों का लालच देकर जोड़ता था। उसने गिरोह से आदर्श नगर के हर्षित गौतम, गांव गोयना के गौरव कश्यप, गांधी विहार के शुभम पाल, आदित्य त्यागी और देवांश त्यागी को भी जोड़ा था।

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इनके बैंक खातों में भी ठगी के रुपयों को भेजा गया था। वह फर्जी दस्तावेजों से नए खाते खोलते थे। इन बैंक खातों में डलवाने के लिए नए मोबाइल नंबर खरीदते थे। यह साइबर ठगी का एक बड़ा नेटवर्क है। इससे जुड़े सभी आरोपियों की गिरफ्तारियां की जाएंगी।
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