LHC0088 • 2025-12-4 16:39:40 • views 535
सेक्टर-32 के पास छाए स्मॉग के बीच जाते वाहन। जागरण
जागरण संवाददाता,नोएडा। बेकाबू प्रदूषण शहर के निवासियों को बीमार कर रहा है। लोग अपने आसपास के क्षेत्र की हालत को सुधारने के लिए समीर एप और एक्स पर सीपीसीबी को शिकायत भेज रहे हैं लेकिन इन पर सुनवाई न के बराबर होने से लोगों में निराशा है। ऐसे में बुधवार को नोएडा देश में सबसे प्रदूषित शहरों में दर्ज हुआ। शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक 365 और ग्रेटर नोएडा का 324 बेहद खराब श्रेणी में दर्ज रहा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
वहीं लोगों की शिकायतों पर काम न होना प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की लापरवाही दिखाती है। बोर्ड के अधिकारियों का दावा है कि समीर एप और एक्स से मिलने वाली शिकायतों पर 99 प्रतिशत काम हुआ है जबकि आरटीआइ में शिकायतों के निवारण की जानकारी मांगने पर हकीकत सामने आई है। बोर्ड ने एक साल में 38 प्रतिशत शिकायतों का निवारण नहीं किया है। ऐसे में लोग किसे अपनी परेशानी बताएं। इस एप को लोगों के लिए बनाया गया है लेकिन लोगों की शिकायतों को हवा किया जा रहा है।
बता दें कि सीपीसीबी को वर्ष 2025 में समीर एप के जरिए 219 और एक्स से 511 शिकायत मिली। जिनमें से महज 465 शिकायतों का निस्तारण किया गया है। जबकि 265 शिकायतें अब भी पेंडिंग हैं। शिकायतों पर काम न होना विभाग की लापरवाही को दिखाता है।
बोर्ड की ओर से रोजाना जुर्माने की कार्रवाई की जा रही है लेकिन कार्रवाई कागजों तक ही सीमित नजर आती है। एप पर लोग निर्माण कार्य,धूल उड़ाने,वाहन से निकलता धुआं,ट्रक से खुले में निर्माण सामग्री ले जाना जैसी शिकायतें पहुंचती है। काम कागजों तक ही सीमित है।
आंकडे़
- वर्ष-2025
- शिकायतें-720
- निवारण-465
- पेंडिंग-265
मैंने प्रदूषण बोर्ड को पाल्यूशन फैलाने जैसे समस्या पर शिकायत की थी लेकिन निवारण नहीं हुआ। आरटीआइ लगाने के बाद मिली जानकारी हैरान करती है।
-
अमित गुप्ता,सामाजिक कार्यकर्ता
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से शिकायतों पर 99 प्रतिशत काम हुआ है अन्य शिकायतों को नोएडा प्राधिकरण,यातायात पुलिस को भेजी जाती हैं। पेंडिंग शिकायतें बोर्ड की नहीं है। अन्य विभागों की होंगी।
-
रीतेश कुमार तिवारी,क्षेत्रीय अधिकारी,प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड |
|