सैंपल सही उठा, तो निर्दोष को नहीं होगी सजा: नवीन अरोरा
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। पुलिसकर्मियों को अपराध के स्थल से फॉरेंसिक साक्ष्य जुटाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट आफ फॉरेंसिक साइंस (यूपीएसआईएफएस) ने बुधवार से 45 दिवसीय कोर्स का शुभारंभ किया।
इस कोर्स के लिए विभिन्न जिलों में तैनात 100 पुलिसकर्मियों का चयन किया गया है। यूपीएसआईएफएस के संस्थापक निदेशक डा. जीके गोस्वामी ने कहा कि मौजूदा समय में पुलिस के लिए क्राइम सीन प्रबंधन जरूरी है।
उन्होंने कहा कि नए कानून बीएनएसएस की धारा 176(3) के तहत सात वर्ष या उससे अधिक की सजा वाले अपराध के घटना स्थल का निरीक्षण प्रत्येक दशा में फॉरेंसिक टीम द्वारा किए जाने का प्रविधान किया गया है। इसलिए सही फॉरेंसिक साक्ष्य जुटाना विवेचना की पहली कड़ी होगी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
उन्होंने कहा कि साक्ष्य जुटाने वाले पुलिसकर्मियों को इसकी जानकारी होनी चाहिए कि क्राइम सीन प्रबंधन कैसे किया जाए। उन्होंने निठारी कांड में अभियुक्तों को छूटने में आयी खामियों पर भी प्रकाश डाला।
अपर पुलिस महानिदेशक तकनीकी सेवा नवीन अरोरा ने प्रशिक्षणार्थियों से कहा कि घटना स्थल से यदि सैंपल सही तरीके से उठाए जाय तो कोइ निर्दोष कभी भी अपराध में नहीं फंसेगा। पुलिस का काम है कि किसी भी निर्दोष को सजा न होने पाए।
उन्होंने घटना स्थल से विभिन्न प्रकार के सैंपल को अलग-अलग तरीकों से उठाया की जानकारी दी। सैंपल उठाने से लेकर उसकी कस्टडी में अगर कहीं भी चूक हुई तो उसका लाभ अपराधी को मिल सकता है।
कार्यक्रम में अपर निदेशक राजीव मल्होत्रा, अपर पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र श्रीवास्तव, अतुल यादव व उप निदेशक अतुल त्रिपाठी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। |