cy520520 • 2025-12-4 11:37:02 • views 207
दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार से मांगा जवाब।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। इंडस्ट्रियल रिलेशन कोड 2020 से जुड़ी अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि इसे लागू करने के लिए संबंधित नियम बनाए बिना या कोई ट्रिब्यूनल बनाए बिना अधिसूचना जारी की गई है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय व न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ याचिका पर केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय को नोटिस जारी कर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है।
याचिका में कहा गया है कि केंद्र सरकार ने 21 नवंबर 2025 को इंडस्ट्रियल रिलेशन कोड 2020 को नोटिफाई करते हुए अधिसूचना जारी की थी, लेकिन आज तक न तो कोड को लागू करने के लिए नियम बनाए गए हैं और न ही कोई ट्रिब्यूनल बनाया गया है।
इंडस्ट्रियल ट्रिब्यूनल और लेबर कोर्ट का कामकाज रूका
याचिकाकर्ता एन ए सेबेस्टियन और सुनील कुमार ने कहा कि कोड सभी लंबित मामलों को ऐसे ट्रिब्यूनल में स्थानांतरित करने का प्रविधान है जो मौजूद ही नहीं हैं और दिल्ली में इंडस्ट्रियल ट्रिब्यूनल और लेबर कोर्ट का पूरा कामकाज रुक गया है। यह भी कहा कि पूरी तरह से भ्रमित करने वाला कोड है।
कोड में नेशनल इंडस्ट्रियल ट्रिब्यूनल और इंडस्ट्रियल ट्रिब्यूनल नामक दो फोरम का प्रविधान है। अधिवक्ता रवींद्र एस गारिया के माध्यम से दायर याचिका में अधिसूचना को रद करने की मांग की गई है क्योंकि यह संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 का उल्लंघन है। |
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