उप चुनाव के नतीजों से निगम की राजनीति कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा।
निहाल सिंह, नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम की 12 सीटों पर हुए उप चुनाव के नतीजों से निगम की राजनीति कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा। क्योंकि सदन में पहले ही भाजपा के पास पर्याप्त बहुमत है। बल्कि सात सीटों पर और जीत से उसका संख्याबल बढ़ गया है। 2025 में एमसीडी के महापौर से लेकर स्थायी समिति का चुनाव भाजपा ने जीतकर आए सात पार्षदों के बगैर ही जीता था। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
अब चूंकि संख्या सदन से लेकर जोन में बढ़ने से भाजपा को फायदा ही होगा। वर्तमान में 250 की संख्या वाले एमसीडी सदन में भाजपा के पास सात नए पार्षदो की जीत से 123 पार्षद हो गए हैं। जबकि आप के पास मात्र 101 ही पार्षद हैं। जबकि कांग्रेस के पास नौ और दो निर्दलीय पार्षद हो गए हैं।
एमसीडी के आम चुनाव 2022 में वैसे आप 134 सीटों पर जीती थी लेकिन बागी होते उनके पार्षदों की वजह से अब आप के पास मात्र 101 ही पार्षद है। जबकि महापौर व उप महापौर चुनाव में पार्षदों के अलावा राज्यसभा व लोकसभा सांसदों के साथ ही एमसीडी में मनोनीत 14 विधायकों को भी वोट डालने का अधिकार है।
2025 में हुए महापौर चुनाव में भाजपा प्रत्याशी ने इन सात नए पार्षदों के बिना ही आसानी से जीत दर्ज कर ली थी। भाजपा के प्रत्याशी रहे राजा इकबाल सिंह को 133 वोट मिले थे। जबकि उस समय आप के पास 119 वोट थे। फिर भी आप ने इस चुनाव का बहिष्कार कर दिया था।
अब अप्रैल 2026 में महापौर व उप महापौर के चुनाव होंगे। भाजपा के पास अब संख्याबल 141 (123 पार्षद, सात सांसद, 11 विधायक ) हो गया है। जबकि महापौर बनाने के लिए 137 ही वोट चाहिए। जबकि आप के पास मात्र इस समय 107 (101 पार्षद, तीन राज्यसभा सदस्य और तीन विधायक) है।
आम आदमी पार्टी को निगम की सत्ता में वापसी संभव थी लेकिन आप से टूटकर 15 पार्षदों ने इंद्रप्रस्थ विकास पार्टी बना ली जिसकी वजह से आप को अब 2027 तक फिलहाल तो नुकसान होगा। निगम के आम चुनाव दिसंबर 2027 में होंगे। ऐसे में अप्रैल 2026 और अप्रैल 2027 में महापौर व उप महापौर का चुनाव होना है।
उप चुनाव में चार प्रत्याशी दूसरी बार पहुंचेंगे सदन
एमसीडी के 12 सीटों पर उप चुनाव में चार प्रत्याशी ऐसे हैं जो दूसरी बार चुनाव जीतकर सदन में पहुंचेंगे। इसमें चांदनी चौक से भाजपा के विजयी प्रत्याशी सुमन गुप्ता, विनोद नगर से चुनाव जीती सरला चौधरी, मुंडका से आप की टिकट पर जीते अनिल लाकड़ा और कांग्रेस से संगम विहार ए वार्ड से जीते सुरेश चौधरी हैं जो दूसरी बार निगम सदन में पहुंचेगे।
सुमन गुप्ता एकीकृत निगम में 2007 में पहली बार पार्षद का चुनाव जीते थे। जबकि सरला चौधरी पूर्वकालिक पूर्वी निगम में 2017 में भाजपा की ही टिकट पर चुनाव जीती थी। सुरेश चौधरी पूर्वकालिक दक्षिणी निगम में निर्दलीय के तौर पर 2017 में इसी सीट पर चुनाव जीते थे। इसी तरह पूर्वकालिक उत्तरी निगम में मुंडका सीट से अनिल लाकड़ा चुनाव आप के टिकट पर जीते थे। वह उस दौरान नेता प्रतिपक्ष भी रहे थे।
अब निगम सदन की क्या है स्थिति
- कुल सदस्य - 284 (250 पार्षद, 7 लोकसभा सांसद, 3 राज्यसभा सदस्य,14 विधायक, 10 मनोनीत सदस्य)
- भाजपा-141 (123 पार्षद, सात लोकसभा सांसद, 11 विधायक)
- आप-107 (101 पार्षद, तीन राज्यसभा सदस्य और तीन विधायक)
- कांग्रेस -9
- इंद्रप्रस्थ विकास पार्टी-15
- ऑल इंडिया फारवर्ड ब्लाक-1
- निर्दलीय- 1
- मनोनीत पार्षद- 10
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