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पहले मतांतरण, मस्जिद में पढ़ी नमाज, फिर पुलिस के वीडियो में बोला... मैं हिंदू ही हूं और हिंदू ही रहूंगा

Chikheang 2025-10-4 21:36:34 views 1245

  बागपत के असारा गांव में नमाज के बाद मस्जिद से बाहर निकलता सुशील शर्मा। वीडियो ग्रैब





संवाद सूत्र, जागरण, रमाला (बागपत)। एक युवक मतांतरण कर मुस्लिम बन गया। शुक्रवार को प्रकरण सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो पुलिस सक्रिय हो गई। गांव की मस्जिद में नमाज पढ़ने के बाद उसने कहा कि मतांतरण कर वह कानूनी तौर पर मुसलमान बन गया है। इसके बाद पुलिस उसे पकड़कर थाने ले गई। पुलिस ने एक वीडियो जारी किया जिसमें वह कह रहा है कि उसने मतांतरण नहीं किया है वह हिंदू है और हिंदू ही रहेगा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

गांव असारा निवासी सुशील शर्मा के मतांतरण का प्रकरण शुक्रवार दोपहर को उस समय शुरू हुआ जब सुशील का एक शपथ पत्र इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हुआ, जिसमें लिखा था कि वह बिना किसी दबाव के अपनी इच्छा से मतांतरण कर रहा है। यह शपथ पत्र 10 सितंबर 2025 को सुबह 10:10 बजे बना है। मतांतरण का यह मामला चर्चाओं में आ गया।



दोपहर के समय सुशील की पुलिस ने तलाश शुरू कर दी और मस्जिदों पर चौकसी बढ़ा दी। सुशील चकमा देकर दोपहर लगभग 1:15 बजे गांव की शबीरी मस्जिद में जुमे की नमाज में पहुंचा। नमाज पढ़ने के बाद उसे पुलिस ने पकड़ लिया।

  

इसी दौरान मीडियाकर्मियों ने सुशील से मतांतरण को लेकर सवाल किए तो उसने कहा कि वह कानूनी तौर पर वह मुसलमान बन गया है। उसके बाद पुलिस उसे रमाला थाने ले गई। उधर, देर शाम पुलिस ने एक वीडियो जारी किया जिसमें सुशील ने कहा कि उसने मतांतरण नहीं किया है वह हिंदू है और हिंदू ही रहेगा। चर्चा है कि माता की चौकी की अनुमति नहीं मिलने से वह आहत था, जिसके बाद उसने शपथपत्र बनवाया था।



पुलिस के जारी वीडियो में बोला सुशील

पुलिस द्वारा जारी वीडियेा में सुशील बोल रहा है कि नाम सुशील शर्मा, गांव असारा, तहसील बड़ौत का रहने वाला हूं। मैं हिंदू और ब्राह्मण समाज से हूं। मैंने कोई मतांतरण नहीं किया, मैं हिंदू ही हूं और हिंदू ही रहूंगा।

एसपी सूरज कुमार राय का कहना है कि सुशील ने मतांतरण नहीं किया है। यह अफवाह फैलाई जा रही है। ऐसी अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सुशील ने माता की चौकी के लिए आवेदन किया था। यह एक नई परंपरा थी और इसकी अनुमति नहीं दी गई थी। हालांकि प्रकाश में आया है कि सुशील ने माता की चौकी लगाई थी।
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