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बिना अनुमति कोई जानकारी नहीं लेता संचार साथी एप, पढ़ें इसकी खासियत

deltin33 1 hour(s) ago views 682

  

संचार साथी ऐप। फाइल फोटो



डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सरकार द्वारा स्मार्टफोन निर्माताओं को सभी नए उपकरणों में साइबर सुरक्षा एप संचार साथी लोड करने के आदेश का विपक्ष जमकर विरोध कर रहा है। विपक्ष का आरोप है कि इससे जासूसी उपकरण के रूप में उपयोग किया जा सकता है। वहीं सरकार ने कहा है कि यह आदेश आइएमइआइ से छेड़छाड़ के कारण दूरसंचार साइबर सुरक्षा को होने वाले गंभीर खतरे से निपटने के लिए आवश्यक है। इस एप की शुरुआत मई, 2023 में की गई थी। आइए जानते हैं यह एप कैसे काम करता है.... विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
70 करोड़ से अधिक लोगों तक पहुंच सकता है एप

28 नवंबर को, भारत के दूरसंचार मंत्रालय ने सभी स्मार्टफोन निर्माताओं से अनुरोध किया कि वे अपने नए उपकरणों में यह एप पहले से लोड करें और यह सुनिश्चित करें कि यह पहली बार सेटअप करते समय दृश्यमान, कार्यात्मक और सक्षम हो। पहले से निर्मित उपकरणों के लिए, कंपनियों को साफ्टवेयर अपडेट के माध्यम से एप इंस्टाल करना होगा।

वहीं, सरकार ने स्पष्ट किया है कि जो यूजर इस एप को नहीं रखना चाहते वो अपने फोन से इसे अन्य एप्स की तरह अनइंस्टाल भी कर सकते हैं। स्थिति की प्रत्यक्ष जानकारी रखने वाले एक उद्योग सूत्र ने कहा कि साफ्टवेयर अपडेट के बाद, एप को मौजूदा फोन यूजर्स के लिए भी उपलब्ध कराया जाएगा, जिसका अर्थ है कि यह 73.5 करोड़ से अधिक लोगों तक पहुंच सकता है।
एप की खासियत

संचार साथी एप वर्तमान में एपल और एंड्रायड एप स्टोर पर उपलब्ध है। इसे एक नागरिक केंद्रित सुरक्षा उपकरण के रूप में प्रस्तुत किया गया है। यह यूजर्स को डिवाइस के अंतरराष्ट्रीय मोबाइल उपकरण पहचान (आइएमइआइ) का उपयोग करके खोए या चोरी हुए मोबाइल फोन को ब्लाक और ट्रैक करने की अनुमति देता है।

यह एप यूजर्स को यह जांचने में भी सक्षम बनाता है कि उनके नाम पर कितने मोबाइल कनेक्शन पंजीकृत हैं। इससे धोखाधड़ी में इस्तेमाल किए गए नंबरों की पहचान करने और उन्हें डिस्कनेक्ट करने में मदद मिलती है। इसके अतिरिक्त, एप में संदिग्ध धोखाधड़ी वाले काल की रिपोर्ट करने और खरीद से पहले इस्तेमाल किए गए उपकरणों की प्रामाणिकता सत्यापित करने के टूल्स भी मौजूद हैं।

सरकार का कहना है कि अपराधी अक्सर चोरी किए गए उपकरणों पर वैध आइएमइआइ नंबरों की नकल करते हैं, जिससे अपराधियों को ट्रैक करना या हार्डवेयर को ब्लाक करना असंभव हो जाता है।
गुप्त रहेगी निजी जानकारी

सरकार का कहना है कि यह एप एप्लिकेशन पर सूचना दिए बिना आपसे कोई भी विशिष्ट व्यक्तिगत जानकारी स्वचालित रूप से नहीं लेता है। इसकी गोपनीयता नीति के अनुसार, आइफोन के यूजर्स से कैमरा, फोटो और फाइलों तक पहुंच साझा करने की अनुमति मांगी जाएगी।

एंड्रायड के लिए, यूजर्स से काल लाग साझा करने, पंजीकरण के लिए संदेश भेजने, आपके फोन में मोबाइल नंबरों का पता लगाने के लिए फोन काल करने और प्रबंधित करने, साथ ही कैमरा व फोटो तक पहुंच प्रदान करने के लिए पूछा जाएगा।

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