संस्कृत में शपथ लेने वाले सात विधायकों को संस्कृत भारती करेगी सम्मानित। फोटो-सोशल
जागरण संवाददाता, दरभंगा। बिहार विधानसभा में सात नवनिर्वाचित विधायकों ने संस्कृत भाषा में शपथ लेकर भारतीय ज्ञान-परम्परा के गौरव को विशिष्ट रूप से प्रदर्शित किया है। संस्कृत भारती इन सभी को सम्मानित करेगी।
संस्कृत भारती के अखिल भारतीय पदाधिकारी सह कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. लक्ष्मीनिवास पांडेय ने कहा है कि जब जनप्रतिनिधि स्वयं संस्कृत को अपनाते हैं, तो समाज में भाषा के प्रति सकारात्मक संदेश जाता है। शपथ संस्कृत में लेने की यह परम्परा भविष्य में और विस्तार पाएगी तथा आने वाले वर्षों में अधिक से अधिक जनप्रतिनिधि इस गौरवशाली भाषा को अपनाने के लिए प्रेरित होंगे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
संस्कृत भारती के प्रांत प्रचार प्रमुख डॉ. रामसेवक झा ने बताया कि विगत कई दिनों से संस्कृते शपथग्रहणम् अभियान चलाकर निर्वाचित विधायकों से संस्कृत में शपथ लेने का आग्रह किया गया था। परिणामस्वरूप विभिन्न क्षेत्रों के कुल सात विधायकों ने बिहार विधानसभा में संस्कृत में शपथ लेकर भारतीय ज्ञान परम्परा को और समृद्ध एवं सम्पोषित किया है।
शीघ्र ही संस्कृत में शपथ लेने वाले सभी सातों विधायकों को एक समारोह आयोजित कर विशेष रूप से सम्मानित किया जाएगा। बिहार विधानसभा में संस्कृत भाषा में शपथग्रहण करने वालों में सोनवर्षा से रत्नेश सदा, पीरपैंती से मुरारी पासवान, रोसड़ा से वीरेंद्र कुमार, लालगंज से संजय कुमार सिंह, कटिहार से तारकिशोर प्रसाद, बैकुण्ठपुर से मिथिलेश तिवारी, जाले से जीवेश कुमार शामिल हैं।
संस्कृत भारती के प्रांतमंत्री डॉ. रमेश कुमार झा, संगठन मंत्री श्रवण कुमार, क्षेत्र मंत्री प्रो. श्रीप्रकाश पाण्डेय, सह मंत्री डॉ. अभिषेक कुमार, प्रशिक्षण प्रमुख देव निरंजन दीक्षित, विभाग प्रमुख डॉ. त्रिलोक झा, जिला संयोजक डॉ. अभय कुमार, डॉ. नयन तिवारी, डॉ. निकेश ठाकुर, डॉ. कुमुदानंद झा, डॉ. नन्द किशोर झा बेचन, न्यासी सदस्य सह संस्कृत बोर्ड के अध्यक्ष मृत्युंजय कुमार झा, डॉ. सुधीर कुमार झा सहित दर्जनों संस्कृतानुरागियों ने बधाई दी है। |